Shardiya Navratri 2024: दुर्गा जी के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा के नाम का ये मतलब नहीं जानते होंगे आप?
Navratri 2024
Shardiya Navratri 2024: देवी माँ का तीसरा रूप चंद्रघंटा है. चंद्रघंटा शब्द का क्या अर्थ है?
चंद्रमा का अर्थ है मन. मन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. आमतौर पर हम अपने मन से ही लड़ते हैं. ईर्ष्या, घृणा आदि नकारात्मक विचार मन में आते हैं और उनसे छुटकारा पाने के लिए संघर्ष करने लगते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता. आप अपने मन से छुटकारा नहीं पा सकते. अपने मन से भागने से कोई फायदा नहीं है. मन आपकी परछाई की तरह है.
चंद्रमा विभिन्न भावनाओं या भावनाओं और विचारों के रंगों का भी प्रतीक है (बढ़ते और घटते चंद्रमा के विभिन्न चरणों के समान).
घंटा का अर्थ है एक घंटी जिससे केवल एक ही तरह की ध्वनि निकलती है. क्या आपने कभी एक घंटी से कई तरह की ध्वनियाँ सुनी हैं? चाहे आप इसे कैसे भी बजाएँ, घंटी से एक ही तरह की ध्वनि निकलती है. इसी तरह, जब अलग-अलग विचारों और भावनाओं में बिखरा हुआ और उलझा हुआ मन एक बिंदु (ईश्वर में) पर एकत्रित और स्थापित हो जाता है, तो यह हमारे भीतर दिव्य ऊर्जा को जन्म देता है जो एक-दिशा में होकर ऊपर की ओर उठती है. चंद्रघंटा का यही अर्थ है. उनके नाम का शाब्दिक अर्थ है (चंद्रमा की घंटी).
इसका अर्थ है वह अवस्था जहाँ बिखरा हुआ मन केवल एक ही चीज़ के प्रति स्थिर और एकत्रित हो जाता है. मन से दूर मत भागो, क्योंकि मन भी देवी माँ का एक रूप और अभिव्यक्ति है. देवी माँ दुःख, पीड़ा, भूख और शांति के रूप में भी मौजूद हैं. यहाँ सार यह है कि सभी चीजों को एक साथ लेना - चाहे सामंजस्यपूर्ण हो या अप्रिय - एक सामूहिक पूरे के रूप में, सभी विचारों, भावनाओं और ध्वनियों को एक नाद (ध्वनि) के रूप में लाना जैसे कि घंटी या बड़े घंटे की ध्वनि. देवी के नाम चंद्रघंटा के पीछे यही अर्थ है, और नवरात्रि का तीसरा दिन देवी माँ के इस रूप का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है.