छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सियासी हलचल: राहुल गांधी से मिले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सियासी हलचल: राहुल गांधी से मिले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
rahul gandhi bhupesh baghel

नई दिल्ली(आरएनएस). छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के बीच गुटबंदी के बीच जारी उठापठक का नतीजा सरकार के नेतृत्व परिवर्तन के रूप में सामने आता नजर आ रहा है. इसी चर्चा के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई में खींचतान और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. माना जा रहा है कि इस बैठक में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस से जुड़ी सियासी उठापठक को लेकर चर्चा हुई है. बैठक में क्या नतीजा निकला, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. हालांकि, प्रदेश सरकार के नेतृत्व के बारे में फैसले के संदर्भ में इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बघेल कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से भी मुलाकात करेंगे. 

इस बीच,बघेल के समर्थक 30 से अधिक विधायक एवं पूर्व विधायक दिल्ली में मौजूद हैं. सूत्रों का कहना है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के मद्देनजर वे मुख्यमंत्री का समर्थन करने पहुंचे हैं. करीब 20 विधायकों ने कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया से मुलाकात की. माना जा रहा है कि इन विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन नहीं करने और बघेल को ही मुख्यमंत्री बनाये रखने की पैरवी की है. मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के बीच चल चल रही तनातनी की स्थिति को देखते हुए विधायकों के दिल्ली पहुंचने से यह चर्चा गर्म है कि मुख्यमंत्री की ओर से कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करने का प्रयास है, हालांकि बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा विश्वास है तथा शक्ति प्रदर्शन जैसी कोई बात नहीं है. बघेल के समर्थक विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में हम छत्तीसगढ की जनता की सेवा कर रहे हैं.

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गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार को रायपुर लौटने पर बघेल ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश से वह इस पद पर आसीन हुए हैं और उनके कहने पर तत्काल इस पद को त्याग देंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री पद के ढाई ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे लोग प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे.

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बघेल व सिंहदेव के रिश्ते असहज
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे. सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.

पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है.

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