जम्मू-कश्मीर के रजौरी में पाकिस्तान की नापाक हरकत, कई इलाकों में भारी गोलाबारी की खबर

जम्मू-कश्मीर का रजौरी जिला एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक हरकतों का गवाह बना। बीती रात पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलाबारी की खबर सामने आई है, जिसमें कई रिहायशी इलाकों को निशाना बनाए जाने की बात कही जा रही है।
घटना के तुरंत बाद आसपास के इलाकों में तेज धमाकों की आवाजें सुनी गईं, जिससे स्थानीय लोग दहशत में आ गए। पाकिस्तान की सेना की इस कार्रवाई को भारतीय सुरक्षा बलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।
रजौरी से मिल रही तस्वीरों और शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह हमला अचानक और रात के अंधेरे में किया गया, जब अधिकतर लोग अपने घरों में आराम कर रहे थे।
गोलाबारी के चलते कुछ इलाकों में मकानों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि किसी भी नागरिक के मारे जाने की खबर अभी तक सामने नहीं आई है।
स्थानीय सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान की सेना का मकसद सिविलियन एरियाज को टारगेट करना था। यह एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, ताकि सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ कराई जा सके।
यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस तरह की गोलाबारी के दौरान पाकिस्तान की सेना ड्रोन की मदद से हथियार या विस्फोटक भारतीय सीमा में भेजने की कोशिश कर सकती है।
रजौरी की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि भारी बमबारी की गई है। कुछ जगहों पर घरों की छतें उड़ गई हैं और खिड़कियों के कांच चकनाचूर हो चुके हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल हरकत में आ गए। सभी प्रभावित इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है और स्थानीय लोगों से सावधानी बरतने को कहा गया है।
घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया के ज़रिए इस घटना पर प्रतिक्रिया दी और एक सरकारी अधिकारी की मौत पर शोक व्यक्त किया।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अधिकारी की मौत गोलीबारी से हुई या किसी अन्य कारण से, लेकिन इसे लेकर प्रशासन गंभीरता से जांच कर रहा है।
अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, जिस अधिकारी का जिक्र किया गया है, वह एडिशनल डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कमिश्नर थे। उनकी मौत की खबर के बाद शोक का माहौल है और सरकार ने भी संवेदना व्यक्त की है।
इस बीच, पूरे रजौरी जिले में सतर्कता बढ़ा दी गई है और सीमा से सटे सभी गांवों में सुरक्षा बलों की तैनाती को और मजबूत किया गया है।
भारतीय सेना पूरी तरह मुस्तैद है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है और ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है।
यह घटना पाकिस्तान की उसी पुरानी नीति को दर्शाती है, जहां वह शांति बहाली की बात तो करता है, लेकिन जमीन पर उसका व्यवहार इसके ठीक उलट होता है।
साल 2021 में दोनों देशों के बीच सीजफायर समझौता हुआ था, लेकिन उसके बाद भी पाकिस्तान की तरफ से समय-समय पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं होती रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इस तरह की हरकतों के जरिए भारत को उकसाना चाहता है, ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर किसी नई बहस को जन्म दिया जा सके।
हालांकि भारत ने हमेशा संयम और रणनीतिक सोच के साथ जवाब दिया है और आगे भी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए हर खतरे से निपटने के लिए तैयार है।
रजौरी की यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि सीमा पर खतरे अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं और चौकसी बनाए रखना बेहद जरूरी है।
यह जरूरी है कि हम अफवाहों से बचें और सिर्फ विश्वसनीय खबरों पर भरोसा करें। किसी भी संवेदनशील घटना की पुष्टि हमेशा आधिकारिक स्रोतों से ही करनी चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम में यह बात भी सराहनीय है कि सुरक्षा बलों ने तुरंत मोर्चा संभाला और आम नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित की।
सरकार और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और हर जरूरी कदम उठाया जा रहा है ताकि आगे कोई बड़ा नुकसान न हो।