Moon Express: धरती नहीं अब चांद पर भी चलेगी ट्रेन? NASA ने बना लिया पूरा प्लान, जानें कैसे करेगा काम
Train On Moon By NASA

NASA चंद्रमा की सतह के चारों ओर विश्वसनीय, स्वायत्त और कुशल पेलोड परिवहन प्रदान करने के लिए चंद्रमा पर पहला पूरी तरह से काम करने वाला रेलवे स्टेशन बनाना चाहता है. हालांकि यह ट्रेन हमारे पास पृथ्वी पर मौजूद ट्रेन से थोड़ी अलग होगी.
माना जा रहा है कि इस सिस्टम के लिए 3 लेयर की फ्लेक्सिबल फिल्म ट्रैक पर मैग्नेटिक लेविटेशन का इस्तेमाल किया जाएगा. ये शक्तिहीन चुंबकीय रोबोट होंगे जो ग्रेफाइट परत के ऊपर उड़ेंगे और डिमैग्नेटिक लेविटेशन का उपयोग करके निष्क्रिय रूप से पटरियों पर तैर सकते हैं.
NASA ने कहा कि पहियों, पैरों या पटरियों वाले रोबोट्स के उलट FLOAT Robots में कोई हिलने वाला भाग नहीं होगा और चंद्रमा की धूल के घर्षण या घिसाव को कम करने के लिए वह ट्रैक पर उड़ेंगे. सड़कों, रेलवे या केबलवे के विपरीत - बड़े ऑन-साइट निर्माण से बचने के लिए ये ट्रैक सीधे चांद के रेजोलिथ पर अनरोल होगा.
FLOAT डिज़ाइन रोबोट 0.5 मीटर प्रति सेकंड की गति से अलग-अलग आकार के पेलोड को ले जाने में सक्षम होंगे, जबकि एक बड़े पैमाने पर FLOAT सिस्टम प्रति दिन 1,00,000 किलोग्राम रेजोलिथ कई किलोमीटर तक ले जाने में सक्षम होगा.
NASA ने कहा, "FLOAT न्यूनतम साइट तैयारी के साथ धूल भरे, दुर्गम चंद्र वातावरण में स्वायत्त रूप से काम करेगा, और इसके ट्रैक के नेटवर्क को चंद्र आधार मिशन की बढ़ती आवश्यकताओं से मेल खाने के लिए समय के साथ रोल अप और पुन: कॉन्फ़िगर किया जा सकता है."
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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती
वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।
उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है