Vande Bharat से जुड़ी ब़ड़ी खबर, 30 हजार करोड़ रुपये का टेंडर कैंसिल, जानें पूरा मामला

Vande Bharat News: भारतीय रेलवे ने कथित तौर पर वंदे भारत एक्सप्रेस - एक सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन सेवा के निर्माण और रखरखाव के लिए अपने 30,000 करोड़ रुपये के टेंडर को रद्द कर दिया है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रेलवे अधिकारियों ने एल्सटॉम इंडिया को 100 एल्युमिनियम-बॉडी वंदे भारत ट्रेनों के लिए टेंडर रद्द कर दिया है. कई मीडिया रिपोर्टों ने एल्सटॉम इंडिया के सूत्रों का हवाला देते हुए इस घटनाक्रम की पुष्टि की है.
कंपनी ने कथित तौर पर कहा कि भारतीय रेलवे ने ऑर्डर रद्द कर दिया है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में इस विजन को साकार करने में मदद करने के लिए फर्म अच्छी स्थिति में है. टेंडर कमेटी और एल्सटॉम इंडिया प्रति ट्रेन सेट की दर पर सहमति बनाने में विफल रहे.
मीडिया रिपोर्टों ने के अनुसार भारतीय रेलवे ने पाया कि कंपनी की प्रत्येक ट्रेन के लिए 150.9 करोड़ रुपये की बोली कीमत बहुत अधिक थी. इसलिए, अधिकारियों ने एल्सटॉम इंडिया से दर को 140 करोड़ रुपये पर सीमित करने का आग्रह किया. लेकिन, एल्सटॉम इंडिया ने 140 करोड़ रुपये तक कम करने से इनकार कर दिया. कंपनी 145 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन पर सौदा पक्का करना चाहती थी. 30,000 करोड़ रुपये के टेंडर के लिए एल्सटॉम इंडिया की बोली सबसे कम थी. यह टेंडर सभी 100 वंदे भारत रेक के निर्माण के लिए था.
120 करोड़ रुपये प्रति रेक पर मंजूरी दी गई थी
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरे बोलीदाता, स्विस निर्माता स्टैडलर रेल और हैदराबाद स्थित मेधा सर्वो ड्राइव्स के एक संघ ने प्रति ट्रेन सेट 170 करोड़ रुपये की बेहतर कीमत की पेशकश की. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के निर्माण के लिए पिछले अनुबंध को 120 करोड़ रुपये प्रति रेक पर मंजूरी दी गई थी.
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सरकार ने भारत की पहली स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन - वंदे भारत एक्सप्रेस बनाने का विचार पेश करके 'मेक इन इंडिया' अभियान को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए. 'मेक इन इंडिया' की सफलता की कहानी के एक बेहतरीन उदाहरण के रूप में, भारतीय रेलवे ने 2019 में वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत की. पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर हरी झंडी दिखाई गई.