WhatsApp ने यूं खोल दिया तीन साल पुराने मर्डर का राज, बीवी ने ही कराया पति का कत्ल, जेल भुगत रहा दूसरा शख्स
Panipat Crime News: यूं तो मैसेंजर ऐप व्हाट्सएप हमारे लिए दोस्तों और परिजनों से 24 घंटे सातों दिन जुड़े रहने का जरिया है लेकिन अब इसी ऐप की मदद से एक हत्याकांड का खुलासा हुआ है. साल 2021 में एक मिनी ट्रक ने एक शख्स को उसके घर के पास ही बुरी तरह से घायल कर दिया. पीड़ित की दोनों टांगे टूट गईं. बाद में आरोपी ड्राइवर देव सुनार ने पीड़ित से मामला वापस लेने को कहा लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद आरोपी ने पीड़ित को घर में घुस कर गोली मार दी और उसकी मौत हो गई.
देखने में तो यह मामला ओपन एंड शट केस लगता है लेकिन अब तीन साल बाद इसमें बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि इन सबके पीछे मृतक की पत्नी का हाथ था. उसकी पत्नी पति को छोड़कर अपने जिम इंस्ट्रक्टर के साथ रहना चाहती थी और इसीलिए उसने ये सब कराया.हरियाणा स्थित पानीपत में एक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट चलाने वाले विनोद बरारा की शादी निधि से हुई थी. उनकी एक बेटी भी थी. इस रिश्ते में दरार पड़नी तब शुरू हुई जब निधि का उसके जिम इंस्ट्रक्टर के साथ अफेयर शुरू हुआ. बाद में निधि के पति विनोद को भी इसकी भनक लग गई. फिर घर में यह मुद्दा कलह की वजह बनने लगी.
इन सबके बीच निधि ने अपने जिम इंस्ट्रक्टर सुमित के साथ मिलकर विनोद को मारने का प्लान बनाया. सुमित ने ट्रक वाले को विनोद को मारने के लिए 10 लाख रुपये दिए. एक्सीडेंट में जब विनोद को सिर्फ चोट आई और उसके पैर टूटे तब निधि के सपनों पर पानी फिर गया. बाद में निधि ने ट्रक ड्राइवर से कहा कि वह विनोद को गोली से मार दे. विनोद का ट्रक से एक्सीडेंट 5 अक्टूबर 2021 को हुआ था. इसके दो महीने बाद ही देव ने विनोद को गोली से मार दिया.
कैसे हुआ खुलासा?
सुनार को पुलिस ने गिरफ्तार किया. उसने पुलिस को बताया कि चूंकि विनोद ने एक्सीडेंट का मामला कोर्ट के बाहर सेटल करने से मना कर दिया था इसलिए उसने गोली से मार दिया. जब देव जेल में था तब सुमित और निधि उसके परिजनों और वकील का खर्च उठाते रहे. इस घटना के बाद निधि ने अपनी बेटी को उसके अंकल के साथ रहने के लिए ऑस्ट्रेलिया भेज दिया. हालांकि उसकी अय्याशी भरी जिन्दगी ने विनोद के परिजनों को शंका में डाल दिया.
इधर तीन साल बाद पानीपत के एसपी अजीत सिंह के पास एक मैसेज आता है कि विनोद की हत्या में असली आरोपी देव नहीं बल्कि उसके करीबी परिजन शामिल है. जब पुलिस ने गहराई से छानबीन शुरू की तब पता चला कि सुमित ने विनोद की पत्नी निधि को कई बार फोन किए थे. यह फोन कॉल्स लंबी लंबी थीं. फिर पुलिस ने सुमित को गिरफ्त में लिया जहां उसने माना कि विनोद को निधि के कहने पर मारा गया था.