PSA के तहत हिरासत में लिए गए हैं फारुक अब्दुल्ला
यह जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी. बता दें जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 (article 370) रद्द करने के बाद से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (farooq abdullah) नजरबंद कर दिए गए थे.
इस अधिनियम के तहत सरकार एक व्यक्ति को दो साल तक बिना मुकदमा चलाए रख सकती है.
अब्दुल्ला के निवास को सहायक जेल घोषित किया गया है और वह अपने घर रहेंगे. हालांकि, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने पर कोई रोक नहीं है.
5 अगस्त को रद्द किए आर्टिकल 370 के कई प्रावधान
केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान रद्द करने के बाद से ही वरिष्ठ नेता 5 अगस्त से घर में नजरबंद हैं.
5 अगस्त को ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने का विधेयक गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया था.
फारुक की उमर से हुई थी मुलाकात
हाल ही में, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों को फारूक और उनके बेटे और पूर्व सीएम उमर से मिलने की इजाजत दी गई थी. हालांकि यह प्रतिबंध लगाया गया था कि मीडिया से बातचीत नहीं कर सकते.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अदालत से पहले अब्दुल्ला को पेश करने की मांग पर जवाब मांगा.
Cji ने इस याचिका पर की सुनवाई
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई और जस्टिस एस ए बोबडे और एस ए नजीर की पीठ ने केंद्र और राज्य को नोटिस जारी किया. राज्यसभा सांसद और एमडीएमके नेता वाइको की याचिका पर 30 सितंबर को सुनवाई होगी.
वाइको ने कहा कि वह पिछले चार दशकों से अब्दुल्ला के करीबी दोस्त हैं. उन्हें बेवजह हिरासत में रखा गया है.
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