आरक्षण पर RSS चीफ भागवत के बयान पर विवाद, कांग्रेस ने कहा -इनके निशाने पर सभी

आरक्षण पर RSS चीफ भागवत के बयान पर विवाद, कांग्रेस ने कहा -इनके निशाने पर सभी
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कांग्रेस (Congress) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya SwayamSewak Sangh) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan bhagwat) के उस बयान पर टिप्पणी की है जिसमें आरक्षण (Reservation) का जिक्र था. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि ‘जनता को व्यस्त और विवादों में उलझाए रखना भाजपा और उसके वैचारिक गुरु आरएसएस की आदत बन गई है. ताकि, वो कठिन प्रश्न पूछना बंद कर दे. मतदाता का ध्यान रोजमर्रा की समस्याओं से हट जाए.’

उन्होंने कहा कि ‘भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata party) के निर्णयों के पीछे एकमात्र उद्देश्य होता है- जनता को उलझाए रखना. चाहे वो नोटबंदी हो या फिर अनुच्छेद 370. जनता को भाजपा (BJP) के इस जाल को समझना होगा कि आखिर किन समस्याओं से ध्यान भटकाने का प्रयास हो रहा है. आदिवासी-दलितों पर जो अत्याचार हो रहे हैं, वो छिपा नहीं है.’

सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) स्थित  कांग्रेस मुख्यालय (Congress Headquarter) पर एक प्रेसवार्ता में खेड़ा ने यह बातें कहीं. कांग्रेस नेता पीएल पुनिया (PL Punia) और उदित राज (Udit raj) भी इस प्रेसवार्ता में मौजूद रहे.

पीएल पुनिया ने कहा कि ‘बाबा साहेब ने माना था कि सामाजिक-आर्थिक असमानता हमारे लिए चुनौती होगी. उसके लिए ही आरक्षण की व्यवस्था की गई थी लेकिन, भाजपा सदैव संविधान में बदलाव के प्रयास में रही है. ये लोग हमेशा संविधान को खत्म करने की वकालत करते हैं. अब वो आरक्षण पर बहस करना चाहते हैं.’

कांग्रेस प्रेस वार्ता में मौजूद पीएल पुनिया

पुनिया ने कहा कि  ‘इन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को खत्म करने का प्रयास किया. अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम ( SC/ST Act) को कमजोर करने में इनकी भूमिका रही। इन्होंने बहस में कहा कि इसमें कुछ कमियां है और इसका दुरुपयोग हो सकता है.इसके आधार पर ही न्यायालय ने निर्णय दिया.’

पुनिया ने कहा कि – ‘आरक्षण को खत्म करने की इनकी सोची-समझी साजिश है. बहस की आड़ में ये इसे खत्म करना चाहते हैं.ये बहुत निंदनीय और इनकी तुच्छ मानसिकता है.’

पुनिया ने दावा किया कि –  इसी तरह दिल्ली में संत रविदास जी के मंदिर को गिराया जाना बेहद निंदनीय है. यह सब हुआ “लैंड यूज़” को गलत तरीके से दर्शाए जाने के कारण. ये भाजपा की मानसिकता को दर्शाने वाले उदाहरण है.ये लोग दलित-आदिवासी विरोधी हैं.’

बीते लोकसभ चुनाव में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए उदित राज भी प्रेस वार्ता में मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि -’11 दिसम्बर 1948 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आरएसएस ने एक बड़ा सम्मेलन किया था और उसमें अंबेडकर जी का पुतला भी फूंका था. ये लोग भारतीय संविधान और तिरंगे को नहीं अपनाते हैं.’

उदित राज ने कहा कि ‘ये लोग आरक्षण के जरिए समुदायों को आपस में लड़ाने का भाव रखते हैं। नफरत फैलाने का लक्ष्य रहते हैं.वयही लोग OBC आरक्षण के विरोध में भी रहे हैं.’

उदित राज ने कहा कि ‘इनके निशाने पर दलित, आदिवासी और ओबीसी सहित सभी समुदाय हैं.ये इन सबका आरक्षण छीन लेना चाहते हैं.’

रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण के पक्ष में और इसके खिलाफ लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत होनी चाहिए.

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