जानलेवा होते आवारा पशु : सरकार मूकदर्शक

जानलेवा होते आवारा पशु : सरकार मूकदर्शक
awara pashu

निर्मल रानी
हमारे देश में सड़कों,मुख्य मार्गों,गलियों,चौराहों यहाँ तक कि रेलवे लाईन व रेलवे स्टेशंस तक पर आवारा पशुओं का विचरण करना कोई नई बात नहीं है.परन्तु निश्चित रूप से जिस तरह मानव जनसँख्या में वृद्धि हो रही है उसी तरह पशुओं की संख्या भी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है. परन्तु पशुओं के पालन पोषण में व्यावसायिक दृष्टिकोण होने के चलते प्रायः पशु पालक इन पशुओं से तब तक ही अपना संबंध रखते हैं जब तक कि वे अपने मालिक के लिए कमाई का साधन हैं. जैसे ही कोई गाय दूध देना बंद करती है या कोई घोड़ा ख़च्चर बोझ उठाना या रेहड़ा घसीटना बंद करता है या बोझ उठाते उठाते बूढ़ा अथवा घायल हो जाता है उसी समय उसका स्वामी ऐसे पशुओं को बाहर का रास्ता दिखा देते है और वही जानवर अनियंत्रित होकर सड़कों पर फिरने लगते हैं. इसके अतिरिक्त यदि किसी पालतू गाय ने बछड़ा पैदा किया है तो अधिकांश गौ पालक उस नवजात बछड़े को भी फ़ौरन बाहर निकाल देते हैं और बछड़े के हिस्से का दूध या स्वयं पीते हैं या उसे बेच देते हैं. शहरों में अनेकानेक गौपालक ऐसे भी हैं जो सुबह सुबह अपनी गाय का दूध निकालकर उसे घर से बाहर निकाल देते हैं. और यही गायें सारा दिन आस पास के गली मुहल्लों में दरवाज़े दरवाज़े भटकती रहती हैं. और गौभक्त लोग पुण्य अर्जित करने के लिये अपने दरवाज़े पर दस्तक दे रही गायों को रोटी आदि देकर उसका पेट भरते हैं. बड़ा आश्चर्य है कि जिस भारतीय समाज में अयोध्या,बृन्दावन,हरिद्वार जैसे धर्मस्थान बुज़ुर्ग लोगों,विधवाओं,असहाय व अनाश्रित लोगों से भरे पड़े हों,जिस देश में वृद्धाश्रम 'हॉउस फ़ुल ' रहते हों,लोग अपने बूढ़े मां बाप, दादा दादी के सेवा कर पाने में असमर्थ हों, ऐसी मानसिकता रखने वाले समाज से सरकार यदि यह उम्मीद करे कि वे बूढ़ी और बिना दूध देने वाली गायों की अंत तक परवरिश करे या उस बछड़े को दूध पिलाये जिससे कभी कुछ फ़ायदा ही नहीं मिलना अथवा किसी बूढ़े घोड़े-ख़च्चर को बेवजह पाले तो यह कैसे संभव है ?

सरकार ने 'गौवंश' की रक्षा के नाम पर ज़बरदस्त तरीक़े से चुनावी कार्ड खेलकर केंद्र से लेकर विभिन्न राज्यों तक की सत्ता तो झटक ली परन्तु इनकी सुरक्षा व इनसे सुरक्षा के नाम पर कोई कारगर योजना नहीं बनाई गयी. यही वजह है कि आज पूरे देश में एक ही दिन में दर्जनों दुर्घटनायें हो रही हैं. कहीं सड़कों पर अनियंत्रित गौवंश वाहनों से टकरा रहे हैं और बड़ी दुर्घटना का कारण बन रहे हैं. कहीं कोई पशु अचानक अनियंत्रित होकर दौड़ता हुआ किसी भी वाहन या व्यक्ति से टकराकर लोगों की जान ले रहा है. कोई किसी को अपनी सींग से मार मार कर उसकी जान ले रहा है. बिजली के खंबों पर लगे तमाम बिजली रीडिंग मीटर इन्हीं पशुओं ने अपनी गर्दन व सींग से रगड़कर तोड़ फोड़ कर गिरा दिये हैं,कई जगह करंट लगने से भी ऐसे ही पशुओं की मौत हो चुकी है. परन्तु सरकार केवल गौ रक्षक होने के अपने दावे पर ही इतरा रही है. प्रायः ऐसे अनियंत्रित छुट्टा पशुओं से दुखी व आतंकित किसान व ग्रामीण अपनी व्यथा भी बयान करते रहते हैं कि किस तरह महीनों तक सारी सारी रात जागकर ऐसे आवारा पशुओं के झुण्ड से वे अपनी फ़सल को बचाते हैं और यदि इसमें वे ज़रा भी लापरवाह हुए तो सारी फ़सल जानवर चर जाते हैं. यदि किसान ऐसे पशुओं से अपने खेतों की रक्षा के लिये कंटीले या धारदार तार लगाकर खेतों को सुरक्षित करने की कोशिश करता है तो उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने ऐसे धारदार तारों को भी प्रतिबंधित कर दिया है. ग़ौरतलब है कि प्रदेश में बढ़ते चारे की कमी और पशुओं के दुधारू न होने की वजह से पशुपालक ऐसे लाखों पशुओं को छुट्टा छोड़ देते हैं, और इन्हीं पशुओं से फ़सल को बचाने के लिए किसान अपने खेत के चारों ओर कंटीले तार लगा देते हैं. परन्तु उत्तर प्रदेश के किसान अब गौवंश से खेत को बचाने के लिए ब्लेड वाले या फिर कंटीले तारों का प्रयोग नहीं कर सकेंगे. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर दिया है. खेत की सुरक्षा के लिए अब किसान केवल रस्सी का ही प्रयोग कर सकेंगे. अगर उन्होंने कंटीले तार लगाए और उससे गौवंश घायल हुए तो उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होगी. उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग की ओर से सभी ज़िलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाए. सरकार का तर्क यह की इससे पशु घायल हो जाते हैं यहाँ तक कि उनकी मौत हो जाती है.  

यह भी पढ़ें: इंटरसिटी की जगह लेगी वंदे भारत मेट्रो ट्रेन इन रूटों पे चलना तय देखे रूट

इस तरह का सरकारी आदेश इस निष्कर्ष पर पहुँचने के लिये पर्याप्त है कि सरकार की नज़रों में किसानों की फ़सल और आम लोगों की जान से अधिक क़ीमत उन बेलगाम अनियंत्रित छुट्टा पशुओं की है जो आये दिन किसानों की फ़सल भी बर्बाद करते हैं और दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं. कुछ समय पूर्व झारखण्ड से हिंदूवादी संगठनों के हवाले से एक अजीब समाचार पढ़ने को मिला. चंद तथाकथित गौ प्रेमियों द्वारा ज़िलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया गया जिसमें कहा गया था कि सड़कों पर बैठे व विचरण करते गौवंश से अक्सर वाहन टकरा जाते हैं जिससे गौवंश घायल हो जाते हैं. अतः सरकार गौवंश की सुरक्षा भी सुनिश्चित करे तथा गौवंश से टकराने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध सख़्त आपराधिक कार्रवाई भी करे. गोया स्पष्ट रूप से ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है जिसमें इंसान की क़ीमत कम और जानवर की ज़्यादा है. जहां तक विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा गौपोषण हेतु अथवा इनकी देख भाल के लिये गौशालाएं खुलवाने अथवा अन्य प्रोत्साहन नीतियां बनाने या राशि आवंटित करने का सवाल है तो इससे जुड़े भ्रष्टाचार के भी सैकड़ों सचित्र क़िस्से सामने आ चुके हैं. अभी गायों में फैले लंपी वायरस की बीमारी ने लाखों गायों की जान लेली. सड़कों पर मीलों मील तक गायों की लाशें पड़ी देखी गयीं. परन्तु सरकार असहाय बनी यह सब देखती रही.

यह भी पढ़ें: Vande Bharat Metro लाएगी सरकार? लोकसभा चुनाव के बीच बड़ा दावा, जानें- क्या है प्लानिंग?

देश की गौशालाओं के काले  चिट्ठे भी प्रायः सामने आते रहते हैं कि किस तरह गोरक्षा व गौ संरक्षण के नाम पर सरकारी सहायता भी ली जाती है,गौ ग्रास के नाम पर जगह  जगह दान पात्र रखे जाते हैं. गौमाता के नाम पर जमकर भावनाओं को जगाया जाता है. यहां तक कि अनावश्यक रूप से इसे साम्प्रदायिक मुद्दा तक बना दिया जाता है. परन्तु सरकार के पास न तो गौवंश या अन्य आवारा अनियंत्रित पशुओं की सुरक्षा व संरक्षण के कोई ठोस उपाय हैं न ही इन से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिये कोई मानव रक्षक मास्टर प्लान. गोया एक ओर तो आवारा पशु जानलेवा होते जा रहे हैं दूसरी और सरकार मूकदर्शक बनी इस घोर दुर्व्यवस्था का तमाशा देख रही है.

यह भी पढ़ें: वंदे भारत मेट्रो की पहली झलक आई सामने, देखे अपने शहर का रूट और किराया

On
Follow Us On Google News

ताजा खबरें

स्लीपर वंदे भारत और मेट्रो वंदे भारत के लिये तय हुआ रूट, इन 9 जगहों पर चलेगी ट्रेन
BJP में शामिल होने के बाद राजकिशोर सिंह ने शेयर किया खास प्लान, जानें- क्या कहा?
BHU PG Admission 2024 के लिए कैसे करें अप्लाई, कैसे भरें फीस? यहां जानें सब कुछ एक क्लिक में
ST Basil School Basti Results 2024: ICSE और ISC कल जारी करेंगे रिजल्ट, 10वीं और 12वीं के बच्चों का आएगा परिणाम
UP Weather Updates: यूपी में प्रंचड गर्मी और हीटवेव के बीच बारिश और आंधी के आसार, जानें- आपके जिले का हाल
PM Modi In Ayodhya: जनता के बाद अब श्रीराम की शरण में पीएम नरेंद्र मोदी, किया दंडवत प्रणाम, Video Viral
Banks में 6 नहीं अब सिर्फ 5 दिन होगा काम! 2 दिन होगा वीक ऑफ? सिर्फ यहां अटका है फैसला
Basti में सनसनीखेज हत्याकांड, युवक को उतारा मौत के घाट, अस्पताल में हुई मौत
UP में ये जगहें नहीं देखीं तो कुछ नहीं देखा, जानें- कहां-कहां मना सकते हैं Summer Vacation 2024
Indian Railway News: यात्रीगण कृप्या ध्यान दें! रेलवे में इस साल होंगे पांच बड़े बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा असर?
Agniveer Notification 2024: अग्निवीर भर्तियां शुरू, 10वीं और12वीं पास करते हैं अप्लाई, यहां जानें सब कुछ
UP Weather Updates: उत्तर प्रदेश में और बढ़ेगी गर्मी या होगी बारिश? जानें- क्या कहता है IMD का लेटेस्ट अलर्ट
Indian Railway शुरू करेगा नए तरीके का होटल, मिलेंगी ये सुविधाएं, जानें कितना है चार्ज
UP के 8 रेलवे स्टेशनों का बदल जायेगा नाम? यहां देखें लिस्ट
उत्तर प्रदेश मे इस Ring Road का हो रहा विरोध, किसानों ने उठाई हक की आवाज
यूपी समेत कई राज्यों में बदल जाएगा मौसम! भीषण गर्मी के बीच आई बड़ी खुशखबरी
Shashank Singh IPL: गोरखपुर से शशांक ने मचाई धूम, बने IPL 2024 के Sixer King, जानें- इनके बारे में सब कुछ
Basti के सियासत की सबसे बड़ी खबर, राजकिशोर सिंह बीजेपी में शामिल
उत्तर प्रदेश के इन शहरो को मिल रही मेमू ट्रेन दिल्ली का किराया इतना की जान के हो जाएंगे हैरान
Post Office की इस स्कीम से आप हो जाएंगे मालामाल, कुछ रुपयों के निवेश से होगा तगड़ा मुनाफा