गोरखपुर गर्भवती मां और प्रसूता की मृत्यु के बारे में पहले 24 घंटे के भीतर सूचना देने वाले प्रथम सूचनादाता को सरकार की तरफ से 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।शासन ने यह पहल मातृ-मृत्यु के कारणों का पता लगाने और उनकी समीक्षा के लिए की है।यह सूचना टॉल फ्री नंबर 104 पर देनी है।सूचना के आधार पर स्वास्थ्य केंद्रों पर टीम गठित कर मौत के कारणों की समीक्षा की जाएगी।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने बताया कि इस संबंध में शासन से पत्र आया है। जिसमें विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं।जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि सूचना देने वाला सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए। अगर आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी सूचना देती हैं तो उन्हें प्रोत्साहन राशि मिलेगी।उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय और नोडल अधिकारी डॉ. नंद कुमार के दिशा-निर्देशन में इस योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जाएगा।आशा कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देशित किया गया है कि वह हर हाल में 24 घंटे के भीतर मातृ मृत्यु की सूचना दें। मातृ-मृत्यु के तहत गर्भवती मां की मौत के अलावा प्रसव के 42 दिन के भीतर आने वाली मौत शामिल है।शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी मौत को छिपाना आशा कार्यकर्ता के लिए दंडनीय होगा और अनुशासनिक कार्यवाही भी हो सकती है।मौत की सूचना देने वाले किसी भी कर्मचारी पर कोई दांडिक कार्यवाही नहीं की जाएगी।श्री आनंद ने बताया कि मातृ स्वास्थ्य कंसल्टेंट सूर्य प्रकाश को जिम्मेदारी दी गयी है। कि वह सभी स्वास्थ्य इकाइयों के जरिये मातृ मृत्यु सूचनादाता के तौर पर आशा की भूमिका सुनिश्चित करवाएं । जिले में एक अप्रैल से 31 अगस्त तक 266 मातृ मृत्यु का पूर्वानुमान था जिसके सापेक्ष सिर्फ 56 मामले रिपोर्ट हुए हैं । जब तक मातृ-मृत्यु के संपूर्ण मामले रिपोर्ट नहीं होते तब तक कारणों की समीक्षा कर इसे रोकना संभव नहीं होगा ।