Mango Season || सीजन शुरू होने से पहले आम के शौकीनों के लिए खुशखबरी, इस बार होगा बंपर उत्पादन!
Mango Season || Mango का समय: आम की फसल आने वाले महीनों में गर्मियों के शुरू होने पर दस्तक देने को तैयार है। कुल इलाकों में मई से जून तक आम सीजन शुरू होने की उम्मीद है। आईसीएआर (ICAR) सेंट्रल इंस् टीट्यूट फार सबट्राप िकल हॉर्ट िकल् चर के डायरेक् टर टी दामोदरन ने कहा कि इस साल आम उत्पादन 14 प्रतिशत बढ़कर 24 मिलियन टन होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि अप्रैल-मई में लू की आशंका के बावजूद मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आम की पैदावार पर इसका कोई खास असर नहीं होगा। मई में किसानों को बस पानी का ध्यान रखना होगा ताकि अधिक फल नहीं झड़ें।
सामान्य से ज्यादा गर्मी होने की संभावनाभारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपने ग्रीष्मकालीन पूर्वानुमान में कहा कि इस बार गर्मी की लहर और भयंकर हो सकती है। यह आम तौर पर दो से चार दिन की जगह दस से दस दिन तक रह सकता है। दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्रों में सामान्य से अधिक गर्मी होने की संभावना है। दामोदरन ने कहा, "आम में फूल (मंजर) आना फल लगने की प्रक्रिया का अहम हिस्सा है।" अनुकूल मौसम के कारण, आम लगभग फूल गया है। फल लगने शुरू हो गए हैं और परागण सामान्य है। लेकिन सामान्य गर्मी फसल को अप्रत्यक्ष रूप से मदद करेगी, पैदावार को नहीं।’
आम की फसल इस बार अच्छी रहने की संभावना
उनका कहना था कि अभी आम की फसल की संभावनाएं अच्छी हैं। फसल वर्ष 2022-23 में उत्पादन 2.1 करोड़ टन था, लेकिन 2023-24 में यह 2.4 करोड़ टन हो सकता है। दक्षिण भारत में आम का उत्पादन बढ़ गया है, जो देश के कुल उत्पादन में पचास प्रतिशत योगदान देता है। दक्षिणी राज्यों को पिछले साल मौसम की गड़बड़ी से 15 प्रतिशत का नुकसान हुआ था। उन्हें लगता था कि इस साल स्थिति अच्छी है। आम भारत का एक बड़ा फल, जिसे "फलों का राजा" कहा जाता है। भारत विश्व के उत्पादन में लगभग 42 प्रतिशत का योगदान देता है, यह एक प्रमुख आम उत्पादक देश है।
सिंचाई करके जमीन को नम बनाए रखें
दामोदरन का कहना है कि फूल आने और फल लगने में जलवायु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उनका कहना था कि किसानों को सामान्य से अधिक गर्मी में सावधानी बरतने और हल्की सिंचाई करके मिट्टी की नमी को बनाए रखने की जरूरत है। इससे फल गिरना कम होता है। उन्होंने किसानों को उत्तरी मैदानी क्षेत्रों के आम उत्पादक क्षेत्रों में आक्रामक कीटों (विशेषकर थ्रिप्स कीट) से बचने की सलाह दी। Damodaran ने कहा कि आम के कई बागों में थ्रिप्स की आबादी कई गुना बढ़ गई है।
थ्रिप्स कीट भोजन की तलाश में पुष्प भागों से नवगठित फलों की ओर भागेंगे। उनका कहना था कि किसान फसल को बचाने के लिए कीटनाशक, विशेष रूप से इमिडाक्लोप्रिड, लगभग चार मिलीलीटर (एमएल) प्रति लीटर पानी में छिड़क सकते हैं, या थियामेथैक्सम, 0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी।