Jitin Prasada के बीजेपी में शामिल होने क्या हैं मायने?
अजय कुमार
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव की आहट सुनाई देते ही नेताओं के पाला बदलने का खेल शुरू हो गया है. बुधवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता और गांधी परिवार के काफी करीबी रहे जितेन्द्र प्रसाद के पुत्र जितिन प्रसाद ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. मूल रूप से शाहजहांपुर निवासी जितिन प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज ब्राहमण नेता थे और साल 2004 में लोकसभा चुनाव जीतने के साथ ही मनमोहन सरकार में मंत्री भी रह चुके थे. लेकिन इधर कुछ वर्षो से कांग्रेस आलाकमान जितिन प्रसाद को कोई अहमियत नहीं दे रही थी.इसी के चलते पहले भी साल 2019 में भी जितिन के कांग्रेस छोड़ने की खबरें उड़ी थीं, लेकिन तब जितिन ने ऐसी खबरों का खंडन कर दिया था.
जितिन प्रसाद की भारतीय जनता पार्टी में क्या भूमिका रहेगी,इसका अंदाजा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल जिन्होंने जितिन को बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई के जितिन को लेकर दिए बयान से लगाई जा सकती है. पीयूष गोयल ने जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश का बड़ा नेता बताया और कहा कि यूपी की राजनीति में प्रसाद की बड़ी भूमिका होने वाली है. गोयल ने उत्तर प्रदेश की जनता के हित में जितिन प्रसाद के किए गए कामों का भी उल्लेख किया और कहा कि उनके आने से यूपी में बीजेपी का हाथ और मजबूत हुआ है.
बीजेपी ने अबकी बार जितिन को पार्टी में लाने का मिशन काफी गुप्त रखा था. इसी लिए कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं हुई. कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगने की आशंका बुधवार को बीजेपी नेता अनिल बलूनी के एक ट्वीट के साथ जताई जाने लगी. उन्होंने कहा था कि बुधवार को एक दिग्गज शख्सियत दोपहर 1 बजे पार्टी में शामिल होगी. उनके इस ट्वीट के साथ ही कयासों का बाजार गर्म हो गया. कुछ ही घंटे में संभावनाओं के बादल छंट गए और जितिन प्रसाद के नाम का नाम सामने आ गया. जितिन भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के पूर्व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के दिल्ली स्थित आवास पहुंच गए थे और वहां थोड़ी देर रुकने के बाद सीधे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर गए. जितिन प्रसाद ने तय कार्यक्रम के मुताबिक बीजेपी मुख्यालय में कमल का दामन थाम लिया. उन्हें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई.
बताते चलें पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव और इसे और ज्यादा सजीव बनाने के लिए पत्र लिखा था. यूपी में इसको लेकर कुछ नेताओं ने विरोध भी किया था. उन्होंने बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद भी कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीति लोगों का भला करने की नहीं रही है.