महामारी के झटके के बावजूद बैंकिंग प्रणाली रही मजबूत : सान्याल

महामारी के झटके के बावजूद बैंकिंग प्रणाली रही मजबूत : सान्याल
महामारी के झटके के बावजूद बैंकिंग प्रणाली रही मजबूत : सान्याल

नयी दिल्ली सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने आज कहा कि कोरोना महामारी के बड़े झटके बावजूद अर्थव्यवस्था लचीली रही और इस दौरान वित्तीय प्रणाली विशेषकर बैंकिंग क्षेत्र मजबूती से सामने आया है।

श्री सान्याल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 12वें वित्तीय बाजार सम्मेलन में 'एक नई दुनिया के लिए भारत का निर्माण : वित्तीय बाजार की भूमिकाÓ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि बड़े झटके बावजूद अर्थव्यवस्था लचीली रही और इस दौरान वित्तीय प्रणाली विशेषकर बैंकिंग क्षेत्र मजबूती से सामने आया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के बाद से केंद्र सरकार ने बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाने के उद्देश्य से इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, बैड बैंक का निर्माण एवं अन्य उपाय किये हैं, जिससे बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को कोविड के झटके से बाहर निकलने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि दुनिया के नीति-निर्माता इस बात से अवगत हैं कि उन्हें अतिरिक्त तरलता को वापस लेना होगा और वे इसे सुचारू और कुशल तरीके से कर भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी इसके प्रति सचेत है। अतिरिक्त तरलता एक ऐसी चीज है जिस पर हमें नजर रखने की जरूरत है।

श्री सान्याल ने दीर्घाकालिक विकास के लिए सरकार की ओर से अन्य क्षेत्रों में किये गये सुधार का उल्लेख किया और कहा कि इन सुधारों में ड्रोन परिचालन के लिए व्यापक नियमावली, कार्टोग्राफी शुरू करना, रेट्रोस्पेक्टिव करों एवं पुराने दूरसंचार नियमों को समाप्त करना शामिल है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय नेटिंग जैसे बड़े सुधारों ने क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) बाजार का विकास किया है, जो कॉर्पोरेट ऋण बाजार के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

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प्रमुख आर्थिक सलाहकार ने कहा कि वित्तपोषण के एक अन्य क्षेत्र फैक्टरिंग का उद्घाटन है और इसमें विकास की प्रचूर संभावनाएं हैं। यह व्यापार वित्त का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) के लिए वित्तपोषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत होगा।

इस मौके पर वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के अतिरिक्त सचिव आनंद मोहन बजाज ने कहा कि देश के बॉन्ड बाजारों में बहुत काम किये जाने की जरूरत है और सरकार एवं वित्तीय बाजारों के अन्य सभी प्रमुख सहयोगी इस बाजार को विकसित करने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि वित्तीय बाजारों को आर्थिक विकास में बेहतर भागीदार बनना है तो उनके पास बुनियादी विशेषताएं भी होनी चाहिए। वित्तीय बाजारों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। कोविड के दौरान भी वित्तीय बाजारों का कामकाज जारी रहना प्रौद्योगिकी और लचीलेपन का प्रमाण है।

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