Zila Panchayat Basti Chunav 2021: जिला पंचायत सदस्यों की अब झोले पर टिकी हैं निगाहें!
Zila Panchayat Basti Election 2021: - गायब हुए सपा प्रत्याशी ने की प्रेसवार्ता
-भारतीय बस्ती संवाददाता- बस्ती. जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में मैदान सज चुका है. जिला पंचायत सदस्य अब झोली पर निगाहें गड़ाए हुए है. जिसके झोले का वजन ज्यादा होगा. उसकी तरफ उनके कदम बहक जाएंगे. पर्चा वापसी के दिन तक सपा प्रत्याशी वीरेन्द्र चौधरी गायब रहे. उनकी सुरक्षा में तैनात तीनों सिपाहियों को पुलिस अधीक्षक पहले ही सस्पेंड कर चुके है.
पर्चा वापसी के दूसरे दिन गायब हुए सपा प्रत्याशी वीरेन्द्र चौधरी अचानक सबके सामने आ गये. प्रशासन के डर से गायब होने का आरोप लगाने वाले वीरेन्द्र चौधरी ने पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी के इशारे पर प्रेसवार्ता कर अपनी जीत का दावा किया. प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा की सत्तापक्ष के इशारे पर उन्हें धमकी दी जा रही है.
अपने गायब होने के आरोपों पर वो खुद फंस चुके है. सपा जिलाध्यक्ष व पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी द्वारा उनके गायब होने की खबरों को हवा दी गयी. सपा प्रत्याशी के गायब होने की राजनीति के चलते तीन सिपाही सस्पेंड हो गये. जिससे प्रशासनिक चुस्ती पर उंगली उठने लगी है. लोग सवाल उठा रहे हैं की जब सपा प्रत्याशी गायब थे तो अचानक उनके बेटे अतुल के साथ कैसे सामने आ गये. इनके चक्कर में तीन बेगुनाह पुलिसकर्मी उनकी राजनीति का शिकार हो गये.
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प्रेसवार्ता में उनके साथ पूर्व मंत्री के बेटे व समाजवादी पार्टी नेता अतुल चौधरी कविन्द्र साथ में रहे. प्रेसवार्ता के माध्यम से दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे को संदेश देने की कोशिशें तेज हो चली है. बीते मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की प्रेसवार्ता में भाजपा प्रत्याशी संजय चौधरी ने पूर्व मंत्री पर आरोप लगाते हुए हलचल मचा दिया था. संजय चौधरी ने आरोप लगाया था की राम प्रसाद चौधरी अपने सामने किसी और कुर्मी नेता को पनपने नहीं देना चाहते है.
सपा प्रत्याशी के सामने आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी है. आरोपों की झड़ी में भाजपा सपा प्रत्याशी पर अनर्गल प्रलाप करने का आरोप लगा रही है. अपने आरोपों में भाजपा कह रही है की मनगढंत बातें कर सपा प्रत्याशी वीरेन्द्र चौधरी अपनी हार से बचना चाह रहे है. जिस सरकार पर उत्पीड़न का आरोप वीरेन्द्र चौधरी लगा रहे हैं उसी सरकार के प्रशासनिक सुरक्षा के बीच उन्होंने नामांकन किया. सोशल मीडिया पर उनके प्रेसवार्ता में आते ही सवालों का दौर शुरू हो चला है. लोग कह रहे है की गलतबयानी और तीन बेगुनाह पुलिसकर्मियों को निलंबित कराने के लिए इन पर मुकदमा होना चाहिए.