योगी सरकार का बड़ा कदम: यूपी में कारोबार करना हुआ और आसान
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार समग्र सुधारों, डिजिटलीकरण और निवेशकों के अनुकूल नीतियों के माध्यम से व्यवसाय और निवेश को सुगम बनाने में उल्लेखनीय प्रगति कर रही है।
राज्य का ऑनलाइन पोर्टल निवेश मित्र सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम है, जो 45 विभागों की 525 से अधिक सेवाओं को एकीकृत करता है। इसके जरिए अनुमोदन, लाइसेंस और एनओसी के लिए आवेदन और ट्रैकिंग की सुविधा मिलती है। पिछले वर्ष में चिकित्सा, कृषि, उद्यान, MSME, फिल्म-मनोरंजन, आबकारी, फार्मास्यूटिकल और खनन जैसी सेवाएं भी पोर्टल से जोड़ी गईं।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मजबूत करने के लिए सभी आवेदन केवल निवेश मित्र पोर्टल से स्वीकार किए जाते हैं। विभागीय स्तर पर भौतिक आवेदन नहीं लिए जाते। आवेदन मिलने के सात दिन के भीतर ही विभागों द्वारा जरूरी पूछताछ की जाती है। अब तक निवेश मित्र से 19 लाख से अधिक अनुमोदन डिजिटल रूप से जारी हो चुके हैं। उपयोगकर्ता फीडबैक के अनुसार 96% से ज्यादा लोग इस पोर्टल से संतुष्ट हैं।
नियामक अनुपालन भार कम करने के लिए सरकार ने अब तक 65 विभागों में 4,675 अनुपालन कम किए हैं। इनमें से 4,098 अनुपालन को सरल और डिजिटल बनाया गया है। 2,512 अनुपालन G2B श्रेणी और 1,586 अनुपालन G2C श्रेणी में कम हुए हैं। 577 अनुपालन डिक्रिमिनलाइजेशन श्रेणी में लाए गए हैं और 948 अधिनियम/नियम खत्म किए गए हैं।
अब यूपी में व्यापार करने के लिए केवल उ.प्र. दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम-1962 के तहत पंजीकरण पर्याप्त है। ट्रेड लाइसेंस की जरूरत खत्म कर दी गई है। इस अधिनियम के तहत पंजीकरण का नवीनीकरण भी समाप्त कर दिया गया है। यदि दुकान में कोई कर्मचारी नहीं है तो पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी।
उद्यमों से जुड़े अनुपालन उल्लंघनों को डिक्रिमिनलाइज किया गया है। इसके तहत अग्निशमन, श्रम, परिवहन और विधिक माप विज्ञान विभागों के कानूनों में अपराधों की कम्पाउंडिंग की व्यवस्था लागू की गई है।
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