सफाईकर्मी का हुनर: प्लास्टिक की पन्नियों से गढ़ी बापू की प्रतिमा

पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिषन के सपने को साकार करने में लगे इस सफाईकर्मी की डयूटी जिस भी जगह लगी उसने ग्राम को स्वच्छ करने का अपना दायित्व बखूबी निभाया. कार्यरत ग्राम के ग्रामीणों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करने में अपनी भूमिका निभाने में सफाईकर्मी सरजू लगा रहता है. सफाई कार्य के दौरान मिलने वाले प्लास्टिक कचरे को एकत्र कर उसे बेचकर उससे मिलने वाले धन को ग्राम पंचायत निधि के खाते में भी जमा कराकर अधिकारियों की प्रशंसा पा चुका है.
सफाईकर्मी सरजू ने बताया कि प्लास्टिक बेस्ट से रचनात्मक कार्य करने की प्रेरणा उसे तत्कालीन सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका से मिली. उनकी प्रेरणा से उसने सफाई कार्य के दौरान मिलने वाली प्लास्टिक की पन्नियों को नष्ट न कर उसे एकत्र किया. एकत्र प्लास्टिक की पन्नियों की रस्सी बनाकर और सफाई के दौरान मिले लोहे के टुकड़ो, खराब जूट और सीमेंट के प्रयोग से उसने महात्मा गांधी का स्टैच्यू तैयार किया.
लोगों के लिए सफाईकर्मी सरजू का संदेश है कि वह प्लास्टिक कचरे से आने वाले दिनों की भयावह स्थिति के प्रति सचेत रहें. प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से रोकने के लिए उसे इधर उधर न फेंके बल्कि उसे एकत्र कर उसका बेहतर उपयोग कर समाज को एक नया संदेश देने का कार्य करें.
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जितेंद्र कौशल सिंह भारतीय बस्ती के पत्रकार हैं. शुरुआती शिक्षा दीक्षा बस्ती जिले से ही करने वाले जितेंद्र खेती, कृषि, राजनीतिक और समसामयिक विषयों पर खबरें लिखते हैं.