22 मई से कोर्ट खुलने की परमिशन, जिला जज बोले- वकील चाहें तो लग सकती है वर्चुअल कोर्ट

बस्ती. उत्तर प्रदेश स्थित बस्ती में जिला जज ज्ञानप्रकाश तिवारी ने गुरूवार को न्यायिक अधिकारियों व अधिवक्ता संघों के पदाधिकारियें व वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर मुकदमों की सुनाई के तौर-तरीकों पर चर्चा की. जिला जज ने बताया कि हाईकोर्ट ने 22 मई से परम्परागत तरीके से मुकदमों की सुनवाई के लिए अनुमति दी है. लेकिन यदि काई न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ता वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से मामलों की सुनवाई चाहते है तो उसकी भी सुविधा प्रदान की जाएगी.
जिला जज ने संक्रमण से बचाव के लिए अधिवक्ताओं से सुझाव लिया. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार सभी न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, कर्मचारी व वादकारी के द्वारा कोरोना वायरस के प्राटोकाल के तहत सामाजिक दूरी बनाते हुए मास्क, सेनेटाईजर प्रयोग किया जाना अनिवार्य है. श्री तिवारी ने अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि उन्ही वादकारियों को ही अपने सीट पर आने अनुमति दें जिनके आवष्यक प्रकृति के मामलों की सुनवाई होनी हैं.
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बैठक में सीजेएम आनन्द शुक्ला, सिविल जज प्रवर खण्ड श्वेता यादव, सिविल जज अवर खण्ड बस्ती अम्बरीष श्रीवास्तव, सिविल जज अवर खण्ड खलीलाबाद अनूप पाण्डेय , सिविलबार के अध्यक्ष रामषंकर पाण्डेय महामन्त्री अविनाष त्रिपाठी,जनपद बार के अध्यक्ष जवाहर लाल मिश्र रविशरण सिंह, यंगबार के महामन्त्री शेषानाथ पाठक, डीजीसी क्रिमिनल परिपूर्णानन्द पाण्डेय, वरिष्ठ अधिवक्ता फूलचन्द्र पाण्डेय, विजय कुमार त्रिपाठी, राजेश सिंह, विचित्र मणि, अरबिन्द चैधरी आदि ने अनपे सुझाव दिये.
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