Basti: सपा कार्यालय में राज नारायण की जयंती पर कार्यक्रम, नेताओं ने याद किया संघर्ष
सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि जनता के हित को सर्वोपरि मानने वाले राजनारायण हमेशा लीक से अलग हट कर चलने वाले राजनेताओं में शुमार किए जाते रहे. वे प्रारंभिक दौर से ही कांग्रेस के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार और वंशवाद के चलन का विरोध करते रहे. आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले राजनारायण श्रीमती इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार एवं वंशवाद की जननी के रूप में मानते थे. ऐसे महान नेता से युवा पीढी को प्रेरणा लेनी चाहिये.
समाजवादी पार्टी कार्यालय पर पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, विधायक राजेन्द्र प्रसाद चौधरी, जावेद पिण्डारी ने राजनारायण को नमन् करते हुये कहा कि वे आपातकाल में धूमकेतु की तरह उभरे, राजनारायण आपातकाल और इसकी चुनौतियां के पर्यायवाची बनकर उभरे. जनआंदोलन पूरे देश में तेज हो गया. नौजवानों की टोली सिर पर कफन बांधे पूरे देश में जेल में बंद नेताओं के आह्वान पर कूद पड़ी, उनकी गिरफ्तारियां भी हुईं, लेकिन, आंदोलन रुकने का नाम नहीं ले रहा था, अंततः इंदिरा गांधी को ये बात समझ में आ गई ‘जनता ही जनार्दन’ है और आपातकाल को हटा दिया गया. देश में नए चुनाव की घोषणा हुई. रायबरेली से राजनारायण ने इंदिरा गांधी को 1977 के चुनाव में पराजित किया और पूरे देश में लोकशाही की स्थापना हुई.
यह भी कहा जाने लगा कि राजनारायण ने इंदिरा गांधी को कोर्ट में और वोट में हराकर देश में एक नए इतिहास का सूत्रपात किया. वे आम आदमी के हितों के लिये आजीवन संघर्ष करते रहे. जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रशान्त कुमार यादव, भोला पाण्डेय, मो. युनूस, मानसिंह यादव, उदित पाण्डेय, मो. हारिस, डा. वीरेन्द्र यादव, गौरीशंकर यादव, बलवन्त यादव, रामचन्द्र यादव, जोखूलाल यादव, दिनेश तिवारी, अकबर अली राजू, नितराम चौधरी, मल्लू, फूलचन्द चौधरी, हरीश, मदनमोहन यादव, शुभम यादव, विक्रम चौधरी, राजमोहन चौधरी, सचिन यादव, देवेन्द्र कुमार चौधरी, अंकित यादव आदि ने राजनारायण के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
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