पुण्यतिथि पर याद किए गए नंदकिशोर साहू

अध्यक्षता कर रहे आनंद राजपाल ने कहा नंदकिशोर सही मायने में एक संगठक थे, उनका समर्पण, निर्णय लेने की क्षमता, व्यापारियों के प्रति सदभावना अनुकरणीय है. समस्याओं का निराकरण तो वे चुटकियों में कर देते थे. व्यापारी हितों के लिये संघर्ष करने की नसीहत नंदकिशोर के जीवन वृत्त से लेनी चाहिये. ओमप्रकाश आर्य ने नंदकिशोर साहू को याद करते हुये कहा कि वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. नकारात्मक विचारों को वे अपने इर्दगिर्द फटकने नही देते थे. मदद करने की प्रवृत्ति तो उनके भीतर कूट कूट कर भरी थी. ऐसे विरले व्यक्तित्व का असमय जाना दुखदायी है. उनके कार्यों, सोच और परंपरा को आगे बढ़ाकर हमे उन्हे श्रद्धांजलि दे सकते हैं.
महामंत्री सूर्यकुमार शुक्ल ने कहा नंदकिशोर के लिये कोई काम मुश्किल नही था. वे दृढ प्रतिज्ञ थे, जो ठान लेते थे उसके करके मानते थे. व्यक्तिगत जीवन से ऊपर उठकर उन्होने समाज के लिये खुद को समर्पित कर दिया था. श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख रूप से धर्मेन्द्र चौरसिया, सुनील कुमार गुप्ता, प्रभुप्रीत सिंह, अतुल शुक्ला, डा. अश्वनी गुप्ता, सरदार सिंह लोचन, लाला साहू, बैजनाथ अग्रहरि, सुनील कसौधन, ऋषभ गुप्ता, संजय अग्रहरि, सुनील श्रीवास्तव, हरि मोहन, शिवलाल जायसवाल, अनिल गुप्ता, राजीव अग्रवाल, रमेश सिंह, परशुराम चौधरी, अनूप अरोरा, कमल राजपाल, रामकिशोर साहू, सरदार डेजी, शम्भूनाथ कसौधन आदि शामिल थे. अंत में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत व्यापारी नेता को साथियों ने श्रद्धांजलि दिया.

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