सन्तोष पाल के उत्पीड़न मामले में पत्रकारों ने एसपी को सौंपा ज्ञापन
बस्ती . लालगंज थाना क्षेत्र के परसांव निवासी पत्रकार सन्तोष पाल के उत्पीड़न मामले में पत्रकारों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव को पत्र देकर घटनाक्रम की जांच कराकर दोषियों को दण्डित करने का आग्रह किया. एसपी ने मामले में जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
पत्रकारोें ने एसपी को बताया कि उप जिलाधिकारी सदर स्तर पर जमानत स्वीकार न कर पत्रकार सन्तोष पाल आदि को एक दिन के लिये जेल भेज दिया गया और उन्हें दलित उत्पीड़न मामले में मनगढन्त ढंग से फंसाया जा रहा है. पत्रकारों ने मांग किया कि प्रकरण में लालगंज थानाध्यक्ष एवं थाने पर तैनात एक सिपाही राजेश सिंह का स्थानान्तरण कर मामले की जांच कराया जाय क्योंकि वे विपक्षियों के दबाव में आकर जांच को प्रभावित कर सकते हैं.
एसपी को दिये पत्र में पत्रकार सन्तोष पाल ने कहा है कि गत 16 मई रविवार को रात्रि लगभग 9.30 बजे अचानक उनके ऊपर विपक्षियों ने ग्राम प्रधानी के चुनावी रंजिश को लेकर जानलेवा हमला कर दिया. लोगों के बीच बचाव से जान बची और वे न्याय के लिये लालगंज थाने पहुंचे. विपक्षी अमरेन्द्र पाल, महेन्द्रपाल, प्रियांशु पुत्रगण लवकुश, अजय, अभिषेक, विनय पुत्रगण उग्रसेन, अजय एवं धीरज पुत्रगण जितेन्द्र पाल, देवेन्द्र पुत्र शिवमूरत,रामजीत पुत्र राजदेव परसांव गांव के ही निवासी हैं.
चुनावी रंजिश के चलते उक्त लोगों ने राम सकल यादव के घर पर ब्रम्हभोज के दौरान अचानक हमला बोल दिया. इसमें पत्रकार सन्तोष पाल, आशुतोष पाल, अभिनव पाल, अमर पाल, राम सूरत यादव, विनय पाल आदि को चोंटे आंयी. विपक्षियों ने कूट रचनाकर दलित रामानन्द पुत्र रामअचल निवासी परसांव से तहरीर दिलवाया जिससे मामले को दलित एक्ट से जोड़ा जा सके.
ज्ञापन देने वाले पत्रकारों में प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, योगेश शुक्ल, नीरज श्रीवास्तव, राकेश चन्द्र बिन्नू, संजय द्विवेदी, पुनीतदत्त ओझा, वीरेन्द्र पाण्डेय, रमेश मिश्र, धनंजय श्रीवास्तव, दिनेश चन्द्र मिश्र, अनूप मिश्र, अनूप कुमार सिंह, संदीप यादव, दिनेश पाण्डेय, राज प्रकाश, दिलीप चन्द्र पाण्डेय, अनिल सिंह आदि शामिल रहे.