नीट परीक्षा में 65 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय वापस लेनेे की मांगः मेधा ने सौंपा ज्ञापन

नीट परीक्षा में 65 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय वापस लेनेे की मांगः मेधा ने सौंपा ज्ञापन
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बस्ती . सोमवार को मेधा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीन दयाल त्रिपाठी के नेतृत्व में  पदाधिकारियों और सदस्यों को उप जिलाधिकारी सदर के  माध्यम से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को 5 सूत्रीय ज्ञापन देकर नीट परीक्षा में 65 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय वापस लिये जाने की मांग किया.

ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र की सरकार ने प्रतिभाओं के अधिकारों के साथ खिलवाड़ करते हुये नीट परीक्षा में 65 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया है, इससे योग्य विद्यार्थी चिकित्सक बनने से वंचित हो जायेंगे और जातिगत कारणों से अयोग्य चिकित्सक होंगे जो मरीजों के जीवन के साथ भी खिलवाड़ होगा. इस निर्णय को तत्काल वापस लिया जाना जनहित में आवश्यक है. इसी क्रम में  सभी वर्गो के गरीब छात्र-छात्राओं को छात्र वृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति सुनिश्चित कराने,  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सभी एकल पदांे ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पंचायत  अध्यक्ष का चक्रानुक्रम आरक्षण समाप्त कराये जाने,  चक्रानुक्रम आरक्षण को विधि सम्मत माना जाता है तो सभी एकल पद राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को भी चक्रानुक्रम आरक्षण की  परिधि में लाये जाने, एससीएसटी एक्ट को सामाजिक उत्पीड़न का हथियार न बनाया जाय और दर्ज फर्जी मुकदमों की उच्च स्तरीय जांच कराकर निर्दोषों को न्याय दिलाये जाने आदि की मांग शामिल है.  

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजने वालों में उमेश पाण्डेय ‘मुन्ना’ राहुल तिवारी, प्रमोद पाण्डेय, नागेन्द्र मिश्र, शेषमणि मिश्र, प्रवीण मिश्र, रमेश गिरी, गिरिराज गिरी, जय प्रकाश गोस्वामी, हरि ओम, मनीष पाण्डेय आदि शामिल रहे.

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