अवधी, भोजपुरी कार्यशाला में लोक संस्कृति को बचाने का आह्वान
मंच पर छा गये कलाकार, जीवन्त हुये पारम्परिक गीत
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बस्ती . भोजपुरी, अवधी भाषा की मिठास, कला, लोक संस्कृति भारत सहित विश्व के अनेक देशों में लोगों की जुबान पर है. हमें अपनी कला, संस्कृति को समृद्ध करना होगा जिससे आने वाली पीढी अपने अतीत के स्वर्णिम अध्याय से जुड़ सके. यह विचार सामाजिक कार्यकर्ता जय प्रकाश यादव ने व्यक्त किया. वे लक्ष्मी ग्रामीण विकास सेवा संस्थान द्वारा भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय अवधी, भोजपुरी कार्यशाला को मुख्य रूप से सम्बोधित करते हुये व्यक्त किया.
तीन दिवस कार्यशाला के समापन अवसर पर मनोज कुमार श्रीवास्तव, रविन्द्र कुमार यादव, पूर्व प्रधान हीरालाल, विश्वनाथ, प्रदीप यादव, सुप्रिया श्रीवास्तव, पप्पू चौधरी, सन्तोष कुमार सोनी, सार्जन यादव, अलाउद्दीन, सत्य प्रकाश, नरेन्द्र गुप्ता, शम्भू गुप्ता, राजकरन के साथ ही अनेक कला प्रेमी उपस्थित रहे.
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