Basti Weather Update: बस्ती में अप्रैल-मई में पड़ेगी प्रचंड गर्मी, ऐसे रखें खुद को सेफ, जानें- एक्सपर्ट की सलाह

ग्रीष्म काल में तापमान (40°C से 48°C) तथा हवा की नमी 10% से कम हो जाती है, जिससे शरीर का निर्जलीकरण (Dehydration) हो सकता है . तापमान बढ़ने से शरीर का पानी पसीने से तथा हवा की नमी कम होने से साँस से तेजी से निकल जाता है . जिससे बिना संज्ञान के कम समय में लू लगने से निर्जलीकरण (Heat Dehydration) हो जाता है . तत्काल बचाव न होने पर मूर्छा (Heat Stroke) हो जाती है . शीघ्र ही व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है .
हवा की नमी शून्य होने पर शीघ्र ही निर्जलीकरण (Heat Dehydration) हो जाता है . हवा की नमी कम होने के लक्षण जैसे नाक में जलन, नकसीर (बिनास फूटना) कूलर का घर पर अधिक नमक का जमाव / एसी के बाहर पानी का ड्राप ना होना .
शरीर का 44°C से ऊपर होने पर यदि तत्काल प्राथमिक उपचार न मिलने पर मूर्छित हो जाना जिसमें दिमाग में सूजन आ जाने से खोपड़ी के अन्दर कोशिका नष्ट होने लगती है फलस्वरूप शीघ्र ही मृत्यु हो जाती है . उपरोक्त समस्त सभी प्रक्रिया अत्यधिक तापमान और शून्य नमी होने पर एक घण्टे से कम समय में ही सम्भव है .
लू एवं ताप मूर्छा के लक्षण प्यास लगना / मुँह सूखना / चिड़चिड़ाहट / संशय / त्वचा सूखी / बुखार लगना / पैर में अकड़न /अत्यन्त कमजोरी लगना / माँसपेशियों में ऐंठन तदोपरान्त बदहवासी / मूर्छित होना शीघ्र ही मृत्यु हो सकती है .
1. भीषण तापमान के ऐसे समय में सुबह 11:00 बजे से सायं 04:00 बजे तक बाहर के कार्यों को सीमित रखें, शरीरिक श्रम कम से कम करें .
2. खुली जगह में विश्राम न करें, सिर पर सफेद गीले कपड़े की पूरे सिर की पगड़ी / रूमाल बांधकर रहे सूखने पर गीला रखे पूरे शरीर पर सफेद / हल्के रंग के कपड़े पूरी बोह तक के ढीले वस्त्र पहने आँखों पर धूप का चश्मा / छतरी / हैट का प्रयोग करें .
3. पानी का सेवन अधिक से अधिक करें (5 लीटर से 8 लीटर) प्रति दिन शुद्ध पेयजल (जमीनी जल) छाछ / पना / जलजीरा/ नीबू नमक पानी / खनिज जल (मिनरल वाटर) अधिक से अधिक इस्तेमाल करें . आर० ओ०/ एक्चागार्ड में मिनरल को अत्यधिक कम न करें .
4. शरीर गरम लगने पर सामान्य तरडे जल (30°C) कुए हैण्डपाइप / बहते जल श्रोत के जल से कई बार स्नान करें / करायें .
5. तू से मूर्चित व्यक्ति के शरीर का तापमान 41°C के ऊपर रहता है . जिसे करवट लेटायें, किसी भी दशा में पीठ के बल न लेटायें सामान्य ठण्डे जल (25°C से 30°C) जो कि हैण्डपाईप / कुएं के जल का तापमान होता है, से गीला कर सर एवं गर्दन को पीछे और शरीर को बार-बार नहलाते रहें . 108 एवं 100 को तत्काल काल करें ऐसा करते हुए शीघ्र चिकित्सालय पहुँचाये ताकि मस्तिक घात से बचाया जा सके .
6. वाहनों में साफ भीगा तौलियों से अन्दर की नमी बनाये रखे, जावन और बच्चों को पार्किंग खड़ी गाड़ी लाट में न छोड़े .
7. पालतू जानवरों को छाये में रखे पर्यावरण के प्रहरी पक्षियों एवं जंगली जानवरों हेतु घर के आस-पास या अपने इलाके में जलश्रोत उपलब्ध कराये तथा उन्हें प्रताणित न करें .
*_क्या न करें ._*
1. धूप में जाने से बचें, मुख्यतः प्रातः 11:00 बजे से सायं 05:00 बजे के बीच .
2. यदि बाहर जरूरी हो तो सन ग्लास, छतरी, जूते पूरे माह की शर्ट पहन का निकले .
3. अगर बाहर तापमान ज्यादा है तो थका देने वाले कार्य न करें .
4. यात्रा करते समय पर्याप्त मात्रा में पानी रखें .
5. शराब चाय, काफी, एवं साफ्ट ड्रिंक्स का उपयोग न करें .
6. मांसाहारी खाना न खाये, हल्का फुल्का भोजन करें .
7. अगर कुछ असुविधा महसूस करे तो तुरन्त डाक्टर से सलाह लें
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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती
वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।
उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है