Basti sadar vidhansabha chunav 2022: कुर्मी वोटों को सहेजने में जुटे सियासी दल

- भाजपा की तरफ से पंकज, सपा की बैटिंग नरेश उत्तम के हाथ - पूर्वांचल में बड़े कुर्मी वोटरों पर है सबकी नजर - पंकज चैधरी के दौरे से पूर्व विधायक के परिवार में दोफाड़

Basti sadar vidhansabha chunav 2022: कुर्मी वोटों को सहेजने में जुटे सियासी दल
बस्ती विधानसभा चुनाव 2022: सभी की निगाह कुर्मी वोटर्स पर

बस्ती. पूर्वांचल की राजनीति में कुर्मी वोटरों को सहेजने के लिए सियासी दलों ने गोटियां बिछानी शुरू कर दी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सबसे पहले  पूर्वांचल के कद्दावर कुर्मी नेता व पांच बार से लगातार सांसद पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary)को केन्द्र में मंत्री बनाकर उन्हें बिखरे वोटों को सहेजने का जिम्मा सौंप दिया. मंत्री पंकज चौधरी ने बस्ती को तरजीह देते हुए रात्रि विश्राम तक किया. दो दिनों तक लगातार कार्यकर्ताओं, बैठकों और रथयात्रा के दौरान उन्होंने बस्ती में भाजपा की नब्ज टटोलते हुए कुर्मी वोटों को सहेजने के लिए संदेश दिया. 

भाजपा की रणनीति के हिसाब से एकजुट कुर्मी वोटों (Kurmi Voters In UP) को सहेजना मुश्किल भरा है. सत्ता से नाराजगी, किसान आन्दोलन (Kisan Andolan) जैसे मुद्दों की वजह से अधिकांश कुर्मी वोटर पार्टी से दूरी बनाकर चल रहे है. उन्हें सहेजने के लिए सजातीय बड़े चेहरे की दरकार की वजह से पंकज चौधरी को पुर्वांचल में लांच किया गया. खैर उनकी यात्रा भाजपा को कितना लाभ पहुंचाएगी ये आना वाला वक्त बतायेगा. मगर उनकी यात्रा से बस्ती के पूर्व विधायक और वर्तमान में सपा नेता जितेन्द्र कुमार उर्फ नन्दू चौधरी (Jitendra Kumar Alias Nandu Chaudhary) के घर में दोफाड़ कर दिया है.

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उनके ही परिवार के रामप्रकाश उर्फ मोदू चौधरी ने भाजपा का दामन थामते हुए सदर विधानसभा के मैदान में चलना  शुरू कर दिया है. मजे की बात पूर्व विधायक के पुत्र भी सदर विधानसभा में दौरा कर रहे है. भाजपा नेता राजेश पाल चौधरी भी सदर विधानसभा में अपनी ताकत झोंके हुए है. ऐसे में वर्तमान भाजपा विधायक दयाराम चौधरी को अपने ही सजातीय टिकटार्थियों से कड़ी टक्कर मिल रही है. 

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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने भाजपा के नक्शेकदम पर चलते हुए कुर्मी वोटों के साथ किसान, मजदूर, पटेल यात्रा कर सबको संदेश देने की कोशिश की है. इसी कड़ी में सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल पूर्वांचल के दौरे पर चल रहे है. बीते दो दिनों तक बस्ती के सघन दौरे पर रहे नरेश उत्तम पटेल  की जनसभाओं और रोड शो में सपा ने पूरी ताकत झोंक दी. अपने स्वागत से अभिभूत प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की बस्ती जितना स्वागत और अपनापन किसी और जनपद में नहीं मिला.  कार्यक्रम में हर पल हर मंच पर पूर्व कैबिनेट मंत्री रामप्रसाद चौधरी की झलक देखने को मिली. यहां तक की बस्ती से सिद्धार्थ नगर जाते वक्त राम प्रसाद चौधरी भी सिद्धार्थ नगर गये. जिससे कुर्मी वोटरों को एकजुट किया जा सके. सपा मुस्लिम, यादवों को अपना वोटबैंक समझती है. कुर्मी वोटरों को एकजुट करने  के लिए इस यात्रा की नींव पड़ी है. 

बसपा (BSP) में इस समय कुर्मी नेता की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय  बनी है. एक भी बड़ा चेहरा न होने से बसपा के लिए कुर्मी वोटों की डगर मुश्किल भरी नजर आ रही है. ऐसे में पार्टी का अगला सियासी कदम क्या होगा. इस पर सबकी निगाहें अटकी हुई है.  खैर जो भी हो कुर्मी वोटरों के साथ अन्य जातियों को सहेजने के चक्कर में सभी पार्टियां लगी हुइ है. उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है. नेताओं के मन टूटने, पार्टी छोड़ने,  मन भरने की खबरें आनी शुरू हो गयी है. सियासी घमासान के बीच नेताओं का अपने दलों के बीच सियासी साथ कितने दिनों का होगा ये देखना दिलचस्प होगा. 

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