Basti Panchayat Chunav 2021: हर वोट की ‘कीमत’ हजार रुपये, सुबह-शाम हाल चाल ले रहे प्रत्याशी

बस्ती . त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशियो को चुनाव चिन्ह मिलने के बाद प्रचार के तरीके बदल गये. एक ओर जहां प्रत्याशी दिन भर समर्थकों के साथ घर घर जाकर प्रचार कर रहे है तो वही दूसरी ओर कुछ प्रत्याशियों को खोजने पर भी साथ चलने वाला नहीं मिल रहा है. ऐसे में चुनाव की नैया पार लगाने के लिए प्रत्याशी प्रचार के अलग-अलग हथकण्डे अपना रहा है. प्रचार के लिए दिन ढलने के बाद कुछ चिन्हित स्थानों पर शराब के शराब के शौकीनों के लिए मुफ्त शराब परोसी जा रही है. ज्यादातर प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय गाव के बाहर ही बनाये गये हैं. वहां पर प्रचार करने वालों के लिए रात रूकने और भोजन के लिए मुर्गा, गोस्त, शराब का प्रबंध है.
कुछ एक प्रत्याशियों के हालत यह है कि उनको प्रचार और जूलूस के लिए अपने रिश्तेदारों का सहारा लेना पड़ रहा है. तो कुछ अगल बगल के गांव से लोगों की गाड़ी में तेल भराकर उन्हें प्रचार के लिए अपने गाव बुला रहे है और शाम ढलते ही उन्हें बाकायदा दो सौ से पांच सौ रूपया देकर इस उम्मीद के साथ विदा कर रहे हैं कि अगले जूलूस मे फिर शामिल होने के लिए आना है. वहीं दिन ढलने के बाद प्रचार के लिए प्रत्याशी उन वोटर्स को तलाश रहे है. जिन पर पर उन्हें सन्देह है कि यह वोट केवल पैसा देकर ही लिया जा सकता है. उन वोटर्स को साधने के लिए प्रत्याशियों में गांव होड लगी है. इसके लिए प्रत्याशियों को प्रचार करने वालो के साथ ही परिजनो पर भी भरोसा नही है. इसके लिए वह रात के अंधेरे मे खुद ही कमान संभाल रहे हैं.
कुछ प्रत्याशी एक हजार रूपये प्रति वोट गिनकर मतदाताओं को दे रहे है उसके साथ ही उनका नाम और मोबाइल नम्बर नोट कर उनके साथ सुबह शाम सम्पर्क बनाये हुए है. ऐसे में यदि यह जानकारी दूसरे प्रत्याशी को हो रही है तो वह भी मतदाताओं पैसा देने के लिए प्रयास कर रहा है. मतदाता के एक जगह से पैसा लेने के बाद दूसरे जगह से पैसा न लेने की प्रतिबद्धता और डर के कारण गांव का माहौल खराब हो रहा है. उसमें सुलझा हुआ मतदाता इनके बीच पिस रहा है.
कई गावों के हालत ऐसे है कि कभी भी कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है. ऐसे मे जहां एक ओर कोराना का संकट गंभीर होता जा रहा है प्रत्याशी और समर्थक पूरे दिन प्रचार के दौरान कोविड नियमो को तार तार कर प्रचार और सत्ता के लिए जूझ रहे है, वही दूसरी ओर शराब ,गोस्त की पार्टियो के साथ देर रात लोगो का मुफत की शराब पीकर गाव में तमाशा करना आम हो चुका है. वही देर रात पैसों के वितरण को लेकर चल रहे प्रत्याशियो में खूनी संर्घष छिड जाय कहा नहीं जा सकता है.
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