Basti News: कौन हैं विवेकानंद मिश्र जिन्हें बीजेपी ने सौंपी बस्ती की जिम्मेदारी, संगठन की कड़ी कसौटी पर उतरे खरे

विवेका को भाजपा ने सौंपी बस्ती जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी

Basti News: कौन हैं विवेकानंद मिश्र जिन्हें बीजेपी ने सौंपी बस्ती की जिम्मेदारी, संगठन की कड़ी कसौटी पर उतरे खरे
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-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती . बस्ती समेत प्रदेश के 44 जिलों में भाजपा जिलाध्यक्षों की घोषणा को लेकर लगाई जा रही तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने जिलों में संगठन के नए मुखिया के नामों की घोषणा शुक्रवार को दिन में 12 बजे कर दी.

बस्ती में प्रदेश भाजपा संगठन ने विवेकानंद मिश्रा पर भरोसा जताया है. वे संगठन की कड़ी कसौटी पर खरे उतरे. 

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बस्ती जनपद के गोटवा तिलकपुर के रहने वाले विवेकानंद मिश्र के पिता सेवानिवृत्त शिक्षा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित थे.

विवेका एम ए, बी एड, नेट पास आउट गोटवा इंटर कालेज में प्रवक्ता है. 1998 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संपर्क में आने के बाद 1999 से 2000 तक प्रयागराज में विश्व विद्यालय इकाई प्रमुख रहे. 2001 से 2002 तक महानगर सहमंत्री, 2002 से 2003 तक महानगर मंत्री, 2006 से 2010 तक बस्ती में जिला प्रमुख रहे.

2010 से 2012 तक भाजपा युवा मोर्चा में बस्ती सिद्धार्थनगर व संतकबीर नगर के विभाग संयोजक के साथ ही सिद्धार्थनगर के जिला प्रभारी भी रहे. 2012 में भारतीय जनता पार्टी के जिला सदस्यता प्रमुख बनाये गए.

2013 से 2016 तक जिला उपाध्यक्ष व 2016 से अब तक 2 बार भाजपा के जिला महामंत्री रहे. विवेकानन्द भाजपा के पुराने और जमीनी कार्यकर्ता हैं. चुनाव में नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाने में कुशल माने जाने वाले विवेकानंद को अध्यक्ष बनाये जाने से उन पुराने कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है.  

विवेकानद मिश्र ने कहा नए एवं पुराने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने का रास्ता  और बेहतर समन्वय स्थापित कर पार्टी को सफलताएं दिलाऊंगा.

बस्ती भाजपा का जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में कई चेहरे शुरुआती दौर से ही शामिल थे. हालांकि बाद में नाम शार्ट लिस्ट होते गए और दावेदारों की संख्या भी घट गई लेकिन एक वक्त ऐसा दौर भी आया जब इस प्रतिष्ठा पूर्ण पद के लिए घमासान इस कदर हुआ कि बस्ती पर फैसला ही रोकना पड़ गया.

बस्ती में जब जिलाध्यक्षी की दावेदारी शुरू हुई तो महेश शुक्ल, विवेकानन्द मिश्र, अभय पाल, प्रमोद पाण्डेय, दिवाकर मिश्र, राजेश पाल चौधरी, अमृत कुमार वर्मा के नामों पर चर्चा तेज थी.

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