यूपी के बस्ती में हनुमान जी के इस मंदिर के बारे में नहीं जानते होंगे आप, महाभारत काल का है प्रमाण!
UP Basti Hanuman Garhi
Basti Mandir News: उत्तर प्रदेश में वशिष्ठ की नगरी बस्ती जिले में गांधीनगर में एक ऐसा इतिहासिक मन्दिर है. जो महाभारत काल से होने का प्रमाण देता है. यह मंन्दिर प्रभु राम के प्रिय भक्त हनुमान का है. मन्दिर के पुजारी पं राम किन्कर शुक्ल ऊर्फ गोपाल बाबा का जन्म बस्ती में गौर स्टेशन के पास ग्राम प्रासगीह नामक स्थान पर सन् 15 जनवरी 1964 में हुआ था.
वर्तमान समय में मंन्दिर के पुजारी गोपाल बाबा ने बताया- यह हनुमान का मन्दिर का महाभारत काल से सम्बन्ध है. जब महाभारत काल में पॉच पांडवो का बनवास हुआ था. तब इस स्थान पर पॉडवो की पलटन यहां पधारी थी. मंन्दिर के पुजारी गोपाल बाबा के पूर्वजो ने इनको बताया इस मन्दिर के पश्चिम तरफ एक गहरा विशाल तालाब था. वह विशाल तालाब बिलकुल लुप्त हो चुका है.
पुजारी का कहना हैं इस तालाब के ऊपर श्री कृपाल मन्दिर और जलकल विभाग का कैपस है. यहां एक नाथों के नाथ बाबा भोलनाथ का शिवलिंग था. यह शिवलिंग श्री कृपाल मन्दिर में विराजमान है. श्री हनुमान मंन्दिर में सीताराम सरकार, राधाकृष्ण और बाल स्वरूप हनुमान तथा विराटरूप में स्थापित हैं. और साथ में भोलेनाथ का परिवार, ठाकुर जी के साथ श्री काल वैभव विराजमान है. हनुमान जी उत्तरामुखी विराजमान है जैसे अवध धाम में हनुमान गढ़ी में हुनमान का उत्तरामुखी विराजित है. महाभारत काल के भोलेनाथ की शिवलिंग पूर्वीमुखी है.
सीताराम परिवार भी उत्तरमुखी विराजित है. शालीग्राम पत्थर में भगवान काले पत्थर में भगवान विष्णु माने गये है. जिनका कथा शुभ कार्यों में पंचामृत स्नान कराकर तुलसी की फूल चढाया जाता है. जिनके पंचामृत पीने से अकाल मृत्यु दूर होता है. ये सब महाभारत काल के पूर्व के है. एक अद्धभुत जानकारी इस मन्दिर में जितने भी मूर्ति है. सब महाभारत काल के पूर्व के है. कोई नया स्थापना मूर्ति की नही है.
श्री हनुमान जिस गर्भगृह में बैठे है. वैसे ही गर्भगृह श्री अयोध्या के हनुमान गढ़ी का ही स्वरूप दिखाई देता है. मौके पर है भी, इस श्री हनुमान मन्दिर में काल वैरव हनुमान जी के बाँये तरफ पूर्व मुखीरूप विराजित है. इनका प्रतिवर्ष माग शिर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी को जन्मोत्सव एवं विशाल भण्डारा आयोजन किया जाता है.
इस मन्दिर की दीवार की बनावट में सूरखी, चूना और ईट की जुड़ाई मौके पर दिखाई देता है और देखने में अति प्राचीन दिखाई भी दे रहा है. इस मन्दिर में सबसे बड़ा उत्सव श्री हनुमान जन्मोत्सव कार्तिक नरक चतुदर्शी में मनाया जाता है. दूसरा काल भैरव का जन्मोत्सव माग शीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाया जाता है. जिसमें दूर-दूर तक श्रद्धालुजन चाव से उपस्थित होते है. मन्दिर के खुलने का समय प्रातः छः बजे से मध्यान बारह बजे तक पुनः दो बजे से रात्रि नौ बजे तक भक्त दर्शन करते है. मन्दिर की साफ-सफाई पूजा-पाठ वर्तमान समय में मन्दिर के पुजारी ही करते है.