बस्ती . कलवारी थाना क्षेत्र के उमरिया निवासिनी तीन दलित महिलाओं ने डीआईजी, पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन देकर न्याय और जान माल के रक्षा की गुहार लगाते हुये दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग किया है.
उमरिया निवासिनी अनीता देवी पत्नी रामजीत, ऊषा देवी पत्नी राम आशीष, आशा देवी पत्नी लक्ष्मण ने गुरूवार को उच्चाधिकारियोें को दिये ज्ञापन में कहा है कि उनके गांव में अराजकता चरम सीमा पर है. गांव की ही सुधा पाण्डेय की हरकतों के कारण गांव के लोग भयभीत है. गांव के लोक इतना आतंकित है कि पलायन करने को बाध्य है. ज्ञापन में कहा गया है कि ग्राम पंचायत चुनाव के दिन 29 अप्रैल को राकेश पाण्डेय, उनकी पत्नी सुधा पाण्डेय और उनके पुत्र ने असलहा दिखाते हुये जान से मारने की धमकी दिया था, इसकी सूचना कलवारी पुलिस को दिया गया था किन्तु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके पूर्व में भी सुधा पाण्डेय का गांव के अनेक लोगों से विवाद हो चुका है. लोग उससे भयभीत है. ज्ञापन में कहा गया है कि सुधा पाण्डेय आपराधिक प्रवृत्ति की महिला है और पुलिस चौकी रौता चौराहे पर पुलिस के ऊपर हमला में वह और उसके दोनों पुत्र अतुल और राहुल मुख्य अभियुक्त थे. सुधा पाण्डेय का अनेक अपराधियों से सम्बन्ध है और जेल गेट पर गोली चलवाने के मामले में भी कोतवाली में उसके विरूद्ध मुकदमा दर्ज है. 9 वर्ष पूर्व उमरिया गांव में हुये गोली काण्ड मामूले में भी उसके विरूद्ध मुकदमा दर्ज है.
दलित महिलाओं ने दिये ज्ञापन में कहा है कि उमरिया गांव के लगभग 100 लोगों से डरा धमका कर पैसा लिया गया है. पैसा वापस मांगने पर जान से मार देने की धमकी दी जाती है. मुख्यमंत्री और डीजीपी को भी भेजे पत्र में महिलाओं ने कहा है कि सुधा पाण्डेय और उनके परिवार के चार सदस्यों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज है किन्तु पुलिस इस मामले में खामोश है और पुलिस ग्रामीणों के पीछे पड़ी है. महिलाओं ने समूचे प्रकरण की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई और जान माल के रक्षा की गुहार लगाया है.