Basti Covid-19 News: सिर्फ कागजों में जारी है गांवों को सेनेटाइज करने का अभियान

-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. गांवों में कोरोना वायरस से लगातार मौते हो रही है. पाजिटिव केसों की संख्या बेतहाशा बढ़ रही है. ऐसे हालात में भी गांवो में सफाई और सेनेटाइजेशन का कार्य कागजों तक सिमट कर रह गया है. कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए साफ सफाई और सेनेटाइजेशन के निर्देश धरातल पर नहीं दिखाई दे रहे हैं. बजबजाती नालियां एवं गली मुहल्ले में पडे कूडे के ढेर गांव में स्वच्छता के साथ ही सेनेटाइजेशन की कहानी बयां कर रहे है. सफाई कर्मी ना तो अपने तैनाती वाले गांवो में जा रहे हैं और न ही सेनेटाइजेशन का ही कार्य किया जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई और सेनेटाइजेशन की कोई पहल नहीं दिख रही है और ना ही कंटेनमेंट जोन के मानक और बरती जाने वाली सख्ती ही दिखाई दे रही है. इसे लेकर ग्रामीण क्षत्र के निवासियों में रोश व्याप्त है. हालत यह है कि एंबुलेंस तक में सैनिटाइजेशन मात्र कोरम पूरा करने तक सिमटा है. जबकि हकीकत व्यवस्था के चाक चैबन्द होने के दावों से इतर है.
अभी पिछले दिनों विकास खण्ड कप्तानगंज के ग्राम पंचायतों में साफ सफाई, सेनेटाइजेशन कार्यो के निरीक्षण के दौरान जो खुलासा हुआ. वह काफी चैकाने वाला है. डीपीसी राजा शेरसिंह, विश्णुदेव तिवारी ने कई ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति और साफ सफाई कार्य का निरीक्षण किया. पता चला कि गांव में सेनेटाइजेश्शन तो दूर सफाई कर्मी तक नहीं आ रहे है. सफाई व्यवस्था तक बदहाल पड़ी है.
ग्राम पंचायत तिलकपुर के 4 राजस्व ग्राम, बढ़नी के 2 राजस्व ग्राम, दुधौरा के 6 राजस्व ग्राम, महुआ मिश्र के 3 राजस्व ग्राम, सर्रैया मिश्र के 5 राजस्व ग्राम, खजुरिया मिश्र के 4 राजस्व ग्राम, गोपियापर के 2 राजस्व ग्राम, दुबौली मिश्र के 4 राजस्व ग्राम, बट्टूपुर के 3 राजस्व ग्राम में 36 सफाई कर्मचारी अपने तैनाती ग्राम में उपस्थित नहीं मिले. ग्रामीणों ने जानकारी दी कि लगभग एक सप्ताह से अधिक समय से कोई कर्मचारी गांव में नहीं आया. जबकि एडीओ पंचायत सहज राम ने बताया कि ग्राम पंचायत महुआ मिश्र, बट्टूपुर, बढ़नी, सर्रैया मिश्र के सफाई कर्मियों को मांग के आधार पर सोडियम हाइपोक्लोराइट छिड़काव करने के लिए दिया गया.
मांग के अनुरूप सोडियम हाइपोक्लोराइट देने के बाद भी इन गांवो में छिड़काव नहीं किया जाना पाया गया. निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर इन सफाईकर्मियों का वेतन रोकते हुए डीपीआरओ ने स्पष्टीकरण तलब किया. बावजूद इसके जिले के अधिकांश ग्राम पंचायतों में साफ सफाई, सेनेटाइजेशन व्यवस्था बदहाल है. हां इतना जरूर है कि कुछ नव निर्वाचित ग्राम प्रधान जागरूकता का परिचय देते हुए अपने स्तर से सेनेटाइजेशन करवा रहे हैं.
बहादुरपुर ब्लाक के सबसे बडी आबादी वाले गांवों में कोरोना संक्रमण से मौतो का सिलसिला थम नही रहा है. वंही पाजिटिव केस भी बढ़ रहे है. ऐसे में प्रशासनिक लापरवाही गांवो के लिए एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही है.