अयोध्या में व्यापारी वर्ग व प्रशासन के बींच टकराहट की स्थिति

अयोध्या में व्यापारी वर्ग व प्रशासन के बींच टकराहट की स्थिति
विकास योजनाओं के लिए बने निगरानी समिति: सुशील जायसवाल

 

अयोध्या व्यापार अधिकार मंच के संयोजक व भाजपा नेता सुशील जायसवाल ने अयोध्या में चल रही विकास की परियोजनाओं में जनता की राय को समावेशित करने की अपनी मांग दुहराई है। सुशील जायसवाल का कहना है कि विकास की योजनाओं को लेकर व्यापारी वर्ग व प्रशासन की बीच टकराहट की स्थिति है। संगठन शुरु से इसके लिए निगरानी समिति बनाने की मांग कर रहा है। यह निगरानी समिति जनता व सरकार के बीच मध्यस्थ्य का कार्य करें। जिससे आपसी संवाद स्थापित होने से जनआन्दोलन की स्थिति न बने और विकास कार्य अवरुद्ध न हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की है। इसलिए विकास योजना में सबका प्रयास सम्मलित होना चाहिए।

आवासीय कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होने बताया कि राममंदिर आन्दोलन से शुरु से अयेध्या का व्यापारी वर्ग जुड़ा रहा। परन्तु वर्तमान में यह व्यापारी खुद को फुटबाल की तरह महसूस कर रहा है। अधिकारियों के आगे गुहार लगाने के लिए मजबूर है। चैड़ीकरण को लेकर इनका व्यापार प्रभावित है तथा भय का माहौल है। जनता से आपसी चर्चा व संवाद के बाद इसमें काफी बेहतर स्थिति भी निकल कर आ सकती है।

सही जगह पर पार्किंग व्यवस्था, फ्लाईओवर का निर्माण और भी कई व्यवस्थाएं है जो जनचर्चा व संवाद के बाद सामने आयेंगी। इसके साथ में उजाड़ने के साथ बसाने की भी समुचित व्यवस्था करनी चाहिए। जिले में गोसाईगंज में स्थानीय विधायक की वजह से बाईपास बन गया और वहां की बाजार बच गयी। परन्तु कुमारगंज और उससे जुड़ी बाजारों से फोरलेन गुजरा। इससे बाजारों के अस्तित्व पर संकट आ गया। कुछ इस तरह की व्यवस्थाएं वहां भी होनी चाहिए थी।

उन्होने बताया कि पिछली सरकार में वेडिंग जोन को लेकर संघर्ष किया गया था। जिनको उजाड़ा गया उनके बसाने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी। इससे उजड़ने वाले किसी नौकरी करने पर मजबूर है। इससे आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को झटका लगना स्वाभाविक है। नगर निगम ने भी अभी तक कोई वेडिंग जोन की व्यवस्था नहीं की। बंधा बनने के बाद डूब क्षेत्र का क्या मतलब है।

विकास प्राधिकारण की योजनाओं को जनता समझे व गलत होने पर आपत्ति लगाये। अन्यथा इसकी भी स्थिति नगर निगम के टैक्स की तरह से हो जायेगी। जिसमें जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जमीन खरीद को लेकर जो आरोप लग रहे है उनकी जांच होनी चाहिए।

अगर कोई दोषी पाया जाय तो उसके खिलाफ कठोर कारवाई अथवा आरोप लगाने वालों पर कारवाई होनी चाहिए। आरोप वह लोग लगा रहे है जिनकी सरकारों में जमीनों पर कब्जा, गुण्डागर्दी व अपहरण की घटनाएं आम थी। इस अवसर पर कमल कौशल, विश्व प्रकाश रुपन, शैलेन्द्र सोनी, रमेश जायसवाल, विकास अग्रवाल, राजेश जायसवाल, नीरज जायसवाल, सदीप गुप्ता, आकाश जायसवाल मौजूद रहे।

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