Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के पूजन से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं: जयराम दास

अयोध्या. प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या भोले बाबा भगवान शिव मैं हो गई मौका था फागुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था और जो भी आदिकालीन प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग पर अभिषेक करेगा और दर्शन पूजन करेगा उसकी सभी मान्यता प्राप्त होंगी अपने सभी मनोरथ को पूर्ण करने के लिए भक्तों का जनसैलाब अयोध्या में उमड़ा मां सरयू में स्नान करने के बाद सरयू तट पर स्थित लव कुश द्वारा स्थापित नागेश्वर नाथ भगवान पर पहुंचा जहां सुबह 3 बजे से ही लोगों की कतारें लग गई और पूरी अयोध्या ओम नमः शिवाय हर हर महादेव के जयकारे से गूंजने लगी ऐसा लग रहा था कि यह श्री राम नगरी नहीं महादेव नगरी हो.
श्री राम कोर्ट की परिधि में स्थित श्री राम आश्रम के पीठाधीश्वर महंत जयराम दास जी महाराज ने मंदिर परिसर में स्थापित विश्वेश्वर महादेव का अभिषेक करने के उपरांत महाशिवरात्रि के बारे में बताते हुए बताया कि यह दिन पूर्ण रूप से पवित्र है प्रत्येक व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार पूरे दिन अनुष्ठान करना चाहिए और रात्रि के समय भगवान शिव माता पार्वती की एक साथ पूजा करनी चाहिए इससे आदि देव महादेव के साथ माता जी की भी कृपा प्राप्त होती है.
उन्होंने कहा कि हमारे आधी देव महादेव प्राकृतिक देवता हैं और भक्तों की मनोकामना को शीघ्र पूर्ण करते है. महादेव इतनी सरल हैं कि अपने भक्तों के मनोभाव को समझकर के मात्र जल अभिषेक से ही प्रसन्न हो जाते हैं अगर बेलपत्र हो चावल हो पुष्प हो या मनुष्य के पास कुछ भी ना हो वह भगवान शिव के मंदिर में पहुंचकर के मनोभाव से मात्र जल अभिषेक करता है तो उसके सभी दुख दरिद्र दूर हो जाते हैं सभी को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए रात्रि जागरण करना चाहिए शिव विवाह में सम्मिलित होना चाहिए और यथाशक्ति यथा भक्ति पूजा करनी चाहिए.