Ayodhya News: श्रीराम नगरी में प्रारंभ हुआ बृज अवध मिलन महोत्सव के साथ श्रीमद् भागवत कथा
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अयोध्या. भगवान श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या के कारसेवक पुरम ने जगतगुरु रामानुजाचार्य डॉ स्वामी राघवाचार्य महाराज की अध्यक्षता में संतों ने दीप प्रज्वलित कर बृज अवध मिलन महोत्सव के साथ स्वामी इंद्रेश महाराज द्वारा श्रीमद् भागवत कथा महा महोत्सव का किए शुभारंभ. इस महा महोत्सव में प्रतिदिन सुबह 6श्री गिरधर लाल जी की मंगला आरती और 10 से श्रीमद् भागवत कथा के उपरांत 1 बजे राजभोग दर्शन और शाम 5 बजे श्री गिरिधर लाल जी की पालकी के साथ 8:30 बजे तक विविध विद्वान महापुरुषों के द्वारा अनेकों कार्यक्रम किए जाएंगे. इंद्रेश महाराज ने बताया कि प्रथम दिवस बृज अवध मिलन महा महोत्सव होगा. द्वितीय दिवस की बेला में मणिपर्वत से हिंडोला तृतीय दिवस की बेला में चित्रकूट रास और चतुर्थ दिवस की सांध्य कालीन बेला में गिरधारी लाल जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. पंचम दिवस की बेला में श्री सीता रघुनाथ विवाह महोत्सव और षष्ठम दिवस की बेला में श्री रंगनाथ भगवान का महोत्सव मनाया जाएगा और सातवें दिन कथा के उपरांत ठाकुर जी अयोध्या से वृंदावन के लिए पधारेंगे.
इस अवसर पर डॉ राघवाचार्य महाराज ने बताया कि उत्सव महोत्सव जीवन में भक्ति मार्ग को बढ़ाता है इसीलिए सनातन परंपरा में निरंतर उत्सव की परंपरा बनाई गई है जिससे लोगों के जीवन में उल्लास बना रहे और मनुष्य ठाकुर जी के चरणों में अपने जीवन को समर्पित रखें. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अवध और वृज दो युगों के महापुरुषों की जन्म और कर्म स्थली है और उनके द्वारा किए गए लीलाओं द्वारा मानव समाज को प्रेरणा मिलती है. पूर्व सांसद निर्मल खत्री ने कहां की बृज और अवध दो अवतारों की कर्मभूमि है जिसका संगम आज अयोध्या जी में हो रहा है.
व्यासपीठ से इंद्रेश महाराज श्रीमद् भागवत कथा के महत्व का वर्णन किया उसके पूर्व उन्होंने बताया कि यहां हम सब तो दिवसीय कथा नहीं बल्कि उत्सव मनाने आए है और श्री रघुनाथ जी की जन्मस्थली पर बृज और अवध महोत्सव का आनंद लेंगे उन्होंने बताया कि यह नंद बाबा और दशरथ महाराज, यमुना और सरयू और महान कवि सूरदास और तुलसीदास जी का मिलन है. इसलिए सभी लोग नृत्य समय से सभी उत्सव में उपस्थित होकर आनंद का लाभ उठाएं. इस अवसर पर दशरथ राजमहल बड़ा स्थान के महंत स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य महाराज, जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश कुमार दास, कृपालु राम भूषण दास महाराज नागा राम लखन दास सहित सैकड़ों संत महंत एवं श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे.
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