अष्टभुजा शुक्ल की कविताएं: मृत्यु
कराह सुनकर जो न टूटे नींद नहीं, मृत्यु है
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Ashtabhuja Shukla Poems| अष्टभुजा शुक्ल की कविताएं
अष्टभुजा शुक्ल की कविताएं: मृत्यु
कराह सुनकर
जो न टूटे
नींद नहीं,
मृत्यु है
चाहे जितना थका हो आदमी
और चाहे जब सोया हो ।
- अष्टभुजा शुक्ल
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