Basti Encroachment News: बस्ती में 8 बड़े अवैध कब्जों को हटाने वाला डीएम का आदेश ठंडे बस्ते में

- डीएम ने एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई करने का दिया था आदेश - महीने भर से उपर हुआ आदेश, नहीं हुई कार्रवाई -डीएम ने कहा था की सख्ती के साथ हटायें कब्जे - अधिकारियों की दरयाफ्त ठण्डे बस्ते में

Basti Encroachment News: बस्ती में 8 बड़े अवैध कब्जों को हटाने वाला डीएम का आदेश ठंडे बस्ते में
प्रतीकात्मक तस्वीर- Bhartiya Basti

-भारतीय बस्ती संवाददाता- बस्ती.  प्रशासन द्वारा अवैध कब्जों को हटाने के लिए खूब जोर-आजमाइश की गई. इसी कड़ी में जिलाधिकारी ने मातहत अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सख्त हिदायत दी की सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को एक सप्ताह के अंदर हटा दिया जाये. प्रशासन के इस फैसले की सराहना भी हुई. इसके बावजूद एक महीने से उपर हो चुका है नतीजा ढाक के तीन पात वाला साबित हुआ. प्रशासन द्वारा घोषित 8 बड़े अवैध कब्जों पर बुलडोजर नहीं चल सका. 

सरकार द्वारा भले ही अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश हो. मगर जिस तरह  जिलाधिकारी का आदेश यहां नहीं माना गया वो प्रशासनिक विफलता की कहानी बयां करने के लिए पर्याप्त है. मजे की बात इस मीटिंग में जिले के आलाधिकारी मौजूद थे. वहां सबने अपने-अपने विभागों की जमीनों पर हुए कब्जों की बात भी बताई. इसके बावजूद सप्ताह बीतने के बाद भी अब तक नतीजा सिफर रहा. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है की शहर के अतिक्रमण को हटाने में ये अधिकारी कितनी रूचि लेते होंगे. 

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अभी हाल ही में मुण्डेरवां नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी ने किठिउरी ग्रामसभा में बने पानी की टंकी की जमीन पर हुए अतिक्रमण  को हटाने के लिए उपजिलाधिकरी बस्ती सदर को लिखा है. इसके पहले भी उस कब्जे को हटाने के लिए लिखा जा चुका है. इसके बावजूद उसे अब तक नहीं हटवाया जा सका. 

अपनी ही खोई जमीन को पाने के लिए जब प्रशासनिक अधिकारियों को इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है तो आम आदमी को कितनी मशक्कत  करनी पड़ती होगी. मुण्डेरवां के वाकये से सहज समझा जा सकता है.  

बहरहाल लोकनिर्माण विभाग, नगर पंचायतें, शिक्षा विभाग, वन विभाग, जिला पंचायतों की जमीनों के साथ ही तमाम सरकारी विभागों के जमीनों पर हुए अतिक्रमण हटाने की बातें भले ही बैठक में हुई हो. मगर जिस तरह से महीना बीतने के बावजूद अब तक अवैध कब्जों पर  कार्रवाई नहीं हुई उससे प्रशासन की मंशा पर सवालिया निशान उठने शुरू हो चुके है. 

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