Vande Bharat Sleeper Train: एक साथ दो रेक से होगी लॉन्चिंग, रेलवे ने बताई बड़ी वजह और संभावित तारीख

काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस का महत्व
काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस भारतीय रेल विकास निगम (RVNL) और रूस की प्रमुख रोलिंग स्टॉक कंपनियों की साझा परियोजना है. इस कंपनी को कुल 120 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के निर्माण और मेंटेनेंस का जिम्मा दिया गया है, यानी करीब 1,920 कोच तैयार किए जाएंगे. कंपनी का लक्ष्य है कि पहला प्रोटोटाइप जून 2026 तक तैयार हो जाए, जिससे इसे परीक्षण और सेवा में जल्दी शामिल किया जा सके.
कौन-कौन दे रहा है निर्माण
भारतीय रेल ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के निर्माण की जिम्मेदारी 3 प्रमुख कंपनियों को सौंपी है. इसमें बीईएमएल (BEML), काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस और टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड तथा बीएचईएल का संयुक्त कंसोर्टियम शामिल है. इन सभी कंपनियों से यह अपेक्षा है कि वे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ऐसे कोच तैयार करें जो ऊर्जा-कुशल, सुरक्षित और यात्रियों के लिए आरामदायक हों.
स्लीपर ट्रेन से यात्रियों को मिलेगा फायदा
वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस केवल चेयर कार के रूप में चलती है. लेकिन स्लीपर वर्जन आने के बाद रात में सफर करने वाले यात्रियों को वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड सुविधा, आरामदायक बर्थ और प्रीमियम सेवाएं मिलेंगी. इससे लंबी दूरी की यात्राओं का अनुभव पहले से कहीं बेहतर और सुविधाजनक होगा.
आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. ये ट्रेनें तेज, ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ होने के साथ-साथ यात्रियों के लिए बेहतर साउंड इंसुलेशन, आरामदायक बर्थ और सुरक्षा फीचर्स से लैस होंगी.
विश्वस्तरीय सुविधा का लक्ष्य
रेल मंत्रालय के अनुसार यह परियोजना भारतीय रेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सेवाओं से लैस करने में मदद करेगी. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन न केवल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगी, बल्कि भारतीय रेल को वैश्विक मानकों के करीब ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
दो रेक में होगी शुरुआत
रेल मंत्रालय ने यह भी बताया है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को एक साथ दो रेक के रूप में लॉन्च किया जाएगा. रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि दूसरी ट्रेन भी पूरी तरह तैयार होने के बाद ही दोनों को एक साथ चलाया जाएगा, जिससे सेवा में निरंतरता बनी रहे. अनुमान है कि दूसरी ट्रेन 15 अक्टूबर 2025 तक तैयार हो जाएगी.
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री तकनीक का उपयोग
दोनों ट्रेनें बीईएमएल द्वारा इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) तकनीक का इस्तेमाल करके बनाई जाएंगी. इससे न केवल कोच की मजबूती बढ़ेगी, बल्कि सुरक्षा और आराम के लिहाज से भी यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा. रेलवे मंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि संचालन की शुरुआत के साथ ही यात्रियों को सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।