UP रोडवेज का निजीकरण नहीं होगा! मंत्री ने साफ किया रुख

यूपी में राज्य सड़क परिवहन निगम रोडवेज को लेकर सरकार की आगे की रणनीति पर कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है जिसमें बसो की संख्या और गुणवत्ता दोनों पर विचार किया गया. शहरों में पहले से ही इलेक्ट्रिक बस का संचालन प्रारंभ हो चुका है और इसे ग्रामीण इलाके तक बढ़ाने की भी योजना कई दिनों से चल रही है.
बेड़ों का विस्तार और आधुनिककरण
उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में रोडवेज निजीकरण को लेकर फिर एक बार मामला उभर चुका है जिसमें इस संबंध में कहा गया है कि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने खास बातें बोल दिया है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का स्थापना दिवस में परिवहन मंत्री अपने दल बल के साथ पहुंचे थे इस दौरान उत्तर प्रदेश रोडवेज के भविष्य को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया है राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने भी अपनी बात समझ रखी है उन्होंने क्या कुछ कहा आईए इस बारे में जान ही लेते हैं.
इसी बीच उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का स्थापना दिवस 1 जून को धूमधाम से मनाया जाता था लेकिन इस बार 25 जून को स्थापना दिवस का कार्यक्रम हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया परिवार मंत्री दयाशंकर सिंह ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चालक परिचालकों को सहसम्मान तरीके से सम्मानित किया है. पूरे प्रदेश भर में सबसे ज्यादा इनकम वाले राजधानी लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी को भी प्रथम पुरस्कार देकर अभिनंदन किया है परिवहन निगम से हाल में ही रिटायर हुए पूर्व प्रधान प्रबंधक अजीत सिंह को परिवहन मंत्री ने लाइव टाइम अचीवमेंट अवार्ड देकर प्रशंसा व्यक्त की है. आगे उन्होंने कहा है कि विभिन्न राज्यों के बीच हमारा बस संचालक को लेकर समझौता हुआ है आगे अन्य राज्यों को भी कनेक्ट करवा दिया जाएगा.
बस की संख्या और गुणवत्ता में व्यापक सुधार
इस स्थापना दिवस में मुख्य रूप से आयोजित कार्यक्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि साल 1947 में रोडवेज की प्रथम बस राजधानी लखनऊ से बाराबंकी के बीच में संचालित करवाया गया था उसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने सफर किया तब से लेकर अब तक परिवहन निगम के बस बेड़े में लगातार बढ़ोतरी तीव्र गति से हो चुकी है. इसी बेहतर प्रदर्शन में आज हमारा बस का बेड़ा 13 000 बस का रिकॉर्ड बना चुका है हर श्रेणी में बस परिवहन निगम बस बेड़े में शामिल हो चुका है. अब इलेक्ट्रिक बस की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है बस के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है लेकिन अब यह हमारा वादा है कि जब अगले साल 54 वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा.
तो हम महाराष्ट्र को पीछे छोड़ बस के मामले में सबसे ज्यादा बस बेड़े वाले परिवहन निगम बनेंगे. इस दौरान महिला परिचालकों के साथ-साथ महिला चालकों को भी रोजगार देने की बात कही है. आगे उन्होंने कहा कि निजीकरण की अफ़वाही उड़ाई जा रही है मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि किसी कीमत पर परिवहन निगम का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा उन्होंने चालक परिचालक से और भी ज्यादा मेहनत से काम करने का अपील किया है अब परिवहन निगम भी लाभ के मामले में आगे हो रहा है और आगे लाभ होता भी रहेगा बेहतर बस सुविधा को उपलब्ध कराई जा रही है जिसमें चालक परिचालक के लिए लाभकारी योजनाएं संचालित की जाएगी यूपीएसआरटीसी की बस सिर्फ राज्य के अंदर ही संचालित नहीं करवाया जाएगा बल्कि जम्मू कश्मीर, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार में भी इसका झंडा गड़ा जाएगा.