यूपी में अब इन महिलाओं को घर छोड़ने आएगी पुलिस! जान लें नए नियम, 4 पेज का आदेश जारी
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उत्तर प्रदेश सरकार में एसीएस दीपक कुमार ने वर्क प्लेस पर और उसके बाहर महिला कर्मियों की सुरक्षा के संबंध में उत्तर प्रदेश के समस्त मंडलायुक्तों, समस्त पुलिस आयुक्त, समस्त जिला मजिस्ट्रेट, समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष पर पत्र लिखा है. विभिन्न बिंदुओं (वर्क प्लेस पर सुरक्षा,नाइट ड्यूटी में सुरक्षा, सेल्फ डिफेंस, सिक्योरिटी ऑडिट आदि ) पर दीपक कुमार ने दिशा निर्देश जारी किए हैं.
लिखा गया कि वर्क प्लेस पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा रात्रि में आने-जाने के मागों को सुरक्षित करना, प्रभावी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल, मजबूत सुरक्षा उपाय, नियमित सिक्योरिटी ऑडिट, विधिक जानकारी तथा महिला हेल्पलाइन और सहायता सेवाओं के ज्ञान के साथ-साथ सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण भी आवश्यक है.
3-वर्क प्लेस पर सुरक्षा
A राज्य में अनेकों ऐसी विधियाँ प्रभावी हैं जो वर्क प्लेस पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा महिलाओं के स्वास्थ्य तथा उनकी गरिमा की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती हैं.
(1) वर्क प्लेस पर महिलाओं का यौन उत्पीन (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 यौन शोषण में निम्नलिखित अवांछनीय कार्य या व्यवहार (चाहे प्रत्यक्ष या संकेतिक) सम्मिलित होंगें. a. शारीरिक सम्पर्क और अग्रसरण; या b. यौन सम्पर्क के लिए माँग या अनुरोध करना; या c. लैंगिक रूप से भद्दी टिप्पणी करना; या d. अश्वनील साहित्य दिखाना; या e. कोई अन्य अवांछनीय शारीरिक, मौखिक या अमौखिक लैंगिक प्रकृति का आचरण.
यह अधिनियम उत्पीड़ित महिला श्रमिकों को विभिन्न अधिकारों एवं सुरक्षा के साथ-साथ शिकायतों के समाधान के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति की स्थापना को भी अनिवार्य बनाता है.
धारा 87, महिलाओं को खतरनाक संचालन या निर्दिष्ट विनिर्माण प्रक्रियाओं में शामिल होने से रोकती है, जो महिलाओं की चिकित्सा और शारीरिक दक्षताओं और उनके जीवन के मूल्य पर बल देती है.
(iii) उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था (हिंसा और सम्पत्ति की क्षति का निवारण) अधिनियम 2013
चिकित्सा कर्मियों के साथ हिंसा को दण्डनीय अपराध तथा अस्पताल की क्षतिग्रस्त संपत्ति और नुकसान की खरीद मूल्य का दोगुना मुआवजा संबंधी प्राविधान हैं.
(iv) महामारी (संशोधन) अधिनियम, 2020
स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के विरूद्ध हिंसा के लिए विभिन्न दण्ड प्राविधान करता है.
(v) गर्भावस्था का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971
कुछ शर्तों के तहत गर्भधारण को समाप्त करने का प्रावधान के साथ-साथ गर्भपात करने वाले डॉक्टरों को विधिक सुरक्षा भी प्रदान करता है.
नाइट ड्यूटी तथा आवागमन के मार्गों को सुरक्षित करना
(1) नाइट ड्यूटी का समय नियत करना
यह सुनिश्चित करना बाहिए कि महिला कर्मियों को निर्धारित समयावधि से अधिक काम न करना पड़े.
(ii) सुरक्षित परिवहन विकल्प
नियोक्ताओं को विश्वसनीय निगरानी वाली परिवहन सेवाओं की व्यवस्था करनी चाहिए, जैसे कि प्रतिष्ठान द्वारा प्रदान की जाने वाली कैब या शटल सेवाएँ, ताकि महिला कर्मचारी बिना किसी डर के काम पर आ-जा सकें. केवल स्थापित एजेंसियों से नियमित आधार पर कैब/परिवहन वाहन किराए पर लेना इत्यादि .
(iii) सुरक्षा एस्कोर्ट
रात्रि 10 से प्रातः 6 बजे तक आकस्मिकता की स्थिति में महिलाओं को माँग के अनुरूप यूपी 112 PRV द्वारा सुरक्षित एस्कोर्ट कर गंतव्य तक सुरक्षित पहुँचाने हेतु पूर्व से ही कार्य योजना प्रचलित है इसका बृहद प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये.
(iv) सुरक्षित Drop-off-Point
परिवहन निगम की बसों तथा प्राइवेट टैक्सी व्यूहनों हेतु ऐसे Drop-off-Point चिन्हित किये जायें जहाँ पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था तथा सीसीटीवी कैमरे लगे हों.
(v) स्थानीय पुलिस व्यवस्था
a. रात्रि में महिलाओं के आवागमन से संबंधित समस्त वर्क प्लेस यथा कालसेण्टर. स्वास्थ्य संस्थानों, ऑफिस, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सिनेमा हाल. मल्टीप्लेक्स, होटल / रेस्टॉरेंट, रेलवे / बस स्टेशन आदि की समस्त जनपदों में थानावार सूची बना ली जाए. इनमें आने जाने वाले महिला कर्मियों के संबंध में यथोचित विवरण संकलित कर रात्रि हॉटस्पॉट्स चिन्हित कर लिए जाये.
b. उक्त चिन्हित रात्रि हॉटस्पॉट्स पर UP 112 के पीआरवी वाहनों तथा पुलिस के अन्य पैट्रोलिंग वाहनों द्वारा राजपत्रित अधिकारियों पर्यवेक्षण में नियमित प्रभावी गश्त पेट्रोलिंग / चेकिंग करायी जाये.
c. ऐसे समस्त कालसेंटर, ऑफिस व अन्य स्थल पर नियुक्त प्राइवेट सुरक्षा गार्डों की जनपद / कमिश्नरेट के राजपत्रित अधिकारियों द्वारा नियमित ब्रीफिंग की जाये. महिला सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न बिंदुओं पर उनको जागरूक व सतर्क किया जाये.
d. वर्क प्लेसों के स्वामी, मुख्य प्रबंधकों, कार्यकारी प्रमुखों व अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गोष्ठी के माध्यम से प्रभावी संवाद स्थापित करते हुए उनको जागरूक व सतर्क कर दिया जाये.
वर्क प्लेस पर सुदृढ़ सुरक्षा उपाय
(i) नियोक्ता को वर्क प्लेस परिसर की निगरानी और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम और सुरक्षा कर्मियों सहित मजबूत सुरक्षा उपायों में निवेश करना चाहिए.
(ii) संस्थान में कार्यरत समस्त कर्मियों के पहचान पत्र (ड्राइविंग लाइसेंस, फोटो आईडी, पता प्रमाण, फिंगरप्रिंट इत्यादि) एकत्र किए जाने चाहिए.
(iii) आपातकालीन संपर्क नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होना चाहिए और आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए चौबीसों घंटे एक नामित अधिकारी उपलब्ध होना चाहिए.
(iv) महिलाओं के लिए उनके वर्क प्लेस के पास अलग और सुरक्षित अल्प विश्राम तथा प्रसाधन कक्ष की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए.
(v) आगंतुकों की सख्त निगरानी सभी आगंतुकों का विवरण जैसे नाम, संगठन, पत्ता, यात्रा का उद्देश्य आने और जाने का समय रजिस्टर में दर्ज किया जाना चाहिए.
5- वर्क प्लेस पर सुदृढ़ सुरक्षा उपाय
(1) को वर्क प्लेस परिसर की निगरानी और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम और सुरक्षा कर्मियों सहित मजबूत सुरक्षा उपायों में निवेश करना चाहिए.
(11) संस्थान में कार्यरत समस्त कर्मियों के पहचान-पत्र (ड्राइविंग लाइसेंस, फोटो आईडी, पता प्रमाण, फिंगरप्रिंट इत्यादि) एकत्र किए जाने चाहिए.
(iii) आपातकालीन संपर्क नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होना चाहिए और आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए चौबीसों घंटे एक नामित अधिकारी उपलब्ध होना चाहिए.
(iv) महिलाओं के लिए उनके वर्क प्लेस के पास अलग और सुरक्षित अल्प विश्राम तथा प्रसाधन कक्ष की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए.
(v) आगंतुकों की सख्त निगरानी सभी आगंतुकों का विवरण जैसे नाम, संगठन, पता, यात्रा का उद्देश्य आने और जाने का समय रजिस्टर में दर्ज किया जाना चाहिए.
सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण
संस्थानों में कार्यरत महिला कर्मियों को उनकी सुरक्षा और संरक्षा पर जागरूकता और सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए. आपातकालीन संपर्क, पुलिस हेल्पलाइन, यात्रा करते समय क्या करें और क्या न करें, यौन उत्पीड़न, लैंगिक भेदभाव या लैंगिक पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण और शिकायत प्रक्रिया पर विधिक प्राविधानों के बारे में जागरूकता दी जाये.
आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल
तत्काल रिपोर्टिंग और घटना प्रतिक्रिया सहित स्पष्ट और कुशल आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल स्थापित किया जाये. प्रतिशोध के डर के बिना उत्पीडन, हिंसा या अन्य सुरक्षा चिंताओं की रिपोर्टिंग के बारे में को शिक्षित किया जाये.
नियमित सिक्योरिटी ऑडिट
संभावित भयबोध तथा सुरक्षा कमियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए वर्क प्लेस का नियमित सिक्योरिटी ऑडिट किया जाये. मौजूदा सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता के बारे में प्रतिक्रिया और अंतर्दृष्टि एकत्र करने के लिए कर्मचारियों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाये.
महिला हेल्पलाइन और सहायता सेवाएँ
आपात स्थिति में महिलाओं के लिए उपलब्ध हेल्पलाइन नंबरों और सहायता सेवाओं बारे में जानकारी प्रदान की जाये. यूपी 112, वूमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, सेफ सिटी एप, स्मार्ट सिटी SOS App, सीएम हेल्पलाइन तथा अन्य सहायता सेवाओं के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये.