UP के वो पांच एक्सप्रेसवे जो हैं उत्तर प्रदेश की लाइफलाइन, बिना इनके अब नहीं हो सकता कोई काम, जुड़ता है पूरब से पश्चिम
Expressway In UP:
Expressway In UP: उत्तर प्रदेश प्रगति की नई तान छेड़ रहा है, जिसके तार एक्सप्रेसवे हैं. सांस्कृतिक समृद्धि और आर्थिक संभावनाओं से भरपूर यह राज्य अपने शहरों और कस्बों को आधुनिक राजमार्गों के नेटवर्क से जोड़कर एक परिवर्तनकारी यात्रा पर निकल पड़ा है.
1. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
लंबाई: लगभग 340 किमी
मार्ग: हापुड़ जिले से शुरू होकर सिद्धार्थनगर जिले के धनघटा कस्बे में समाप्त होता है.
महत्व: इस एक्सप्रेसवे का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों और राज्य के बाकी हिस्सों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना है, जिससे पूर्वांचल क्षेत्र में व्यापार और गतिशीलता बढ़ेगी.
2. गंगा एक्सप्रेसवे
लंबाई: लगभग 594 किमी
मार्ग: मेरठ जिले से प्रयागराज जिले तक, गंगा नदी के किनारे-किनारे चलने की योजना है.
महत्व: यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों के बीच संपर्क को बेहतर बनाएगा, जिससे गंगा नदी गलियारे के साथ परिवहन की सुविधा होगी.
3. यमुना एक्सप्रेसवे विस्तार
लंबाई: लगभग 165 किमी
मार्ग: मौजूदा यमुना एक्सप्रेसवे से आगे बढ़कर इसे आगरा शहर से जोड़ेगा.
महत्व: इस विस्तार का उद्देश्य दिल्ली और आगरा के बीच संपर्क को मजबूत करना, क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना और पर्यटन को बढ़ावा देना है.
4. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे विस्तार
लंबाई: लगभग 302 किमी (पूरी परियोजना)
मार्ग: यह एक्सप्रेसवे आगरा को लखनऊ से जोड़ता है और इसमें आगे के विस्तार शामिल हैं.
महत्व: दो प्रमुख शहरों के बीच संपर्क को बढ़ाता है और क्षेत्र में आर्थिक विकास और यात्रा को आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगा.
5. गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे
लंबाई: लगभग 200 किमी
मार्ग: यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के पास स्थित गाजियाबाद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख औद्योगिक शहर कानपुर से जोड़ेगा. यह परियोजना उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से होकर यात्रा को सुगम बनाएगी.
महत्व: एक्सप्रेसवे से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्रों के बीच परिवहन संपर्क में सुधार करके आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.