यूपी सरकार का आउटसोर्स कर्मचारी के लिए महत्वपूर्ण कदम, इस तरह मिलेगा लाभ

यूपी सरकार का आउटसोर्स कर्मचारी के लिए महत्वपूर्ण कदम, इस तरह मिलेगा लाभ
Uttar Pradesh News

यूपी में आउटसोर्स कर्मचारी के लिए राहत की खबर सामने आ चुकी है हाल में ही यूपी सरकार ने आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की घोषणा कर दी है. ऐसा माना जा रहा है आउटसोर्स कर्मचारी के शोषण को समाप्त करना तथा उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का समय अब यूपी में आ चुका है. 

आउटसोर्स कर्मचारी के लिए राहत की खबर

यूपी के राजधानी लखनऊ से खबर मिली है कि सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर काम कर रहे कर्मचारियों के अब अच्छे दिन आने वाले हैं. यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के लिए प्रस्ताव तैयार करके परामर्श से विभागों को अपने परामर्श दिए जा रहे हैं विभाग से मिली एक जानकारी के मुताबिक सुझावों के बाद यह माना जा रहा है कि कर्मचारियों के ईपीएफ, चिकित्सा, ईएसआई बीमा और भत्ते आदि का प्रबंध आउटसोर्स निगम करने का फैसला लिया है. इस दौरान मानदेय मौजूदा व्यवस्था के तहत आउटसोर्स एजेंसियां ही दे पाएंगे. अब पूरा मानदेय समय से कर्मचारियों के खाते में आएगा और इसका पर्यवेक्षणीय दायित्व निगम के पास रहेगा.

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परामर्श विभाग अब इन सुझावों को प्राप्त होने के बाद सचिवालय प्रशासन विभाग इस प्रस्ताव पर मुख्य सचिव का मार्गदर्शन होना आता है. अब उसके बाद मुख्यमंत्री के और अवलोकनार्थ भेज दिया जाएगा. सीएम की सहमति मिलने के बाद अब कैबिनेट की समीक्षा स्वीकृति के लिए योजना को आगे तय किया जाएगा. सचिवालय प्रशासन टीम द्वारा निगम के गठन के लिए जो प्रस्ताव परामर्श विभागों को भेज दिया गया था उसमें से यह प्रस्तावित किया जाएगा कि कर्मचारियों के मानदेय का भुगतान की निगम के द्वारा किया जाए. सूत्रों के हवाले से पता चला परामर्श विभाग कर्मचारी और वित्त तथा न्याय तकनीकी, कानूनी और वित्तीय पहलुओं को अब ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों के मानदेय का भुगतान अब व्यवस्था के मुताबिक आउटसोर्स एजेंसियां के माध्यम से करने का परामर्श तय किया गया है. 

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सामाजिक सुरक्षा और पारदर्शिता बनाने का लक्ष्य

इस प्रकरण को लेकर निगम का गठन होने पर आउटसोर्स कर्मचारी की शोषण से मुक्ति और साथ-साथ चिकित्सा, सामाजिक और पारिवारिक सुरक्षा, अवकाश तथा सुरक्षा का लाभ प्रारंभ होने लगेगा. इस निर्णय के बाद कर्मचारियों की एक्सीडेंट में मृत्यु होने पर उनके स्वजन को अब 30 लाख रुपए की सहायता राशि मिल पाएगी. अब यह राशि बैंक के माध्यम से प्राप्त हो पाएगी. इसके लिए अब कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की प्रीमियम अब नहीं देना होगा. फैसले के बाद 12 आकस्मिक अवकाश और 10 चिकित्सा से अवकाश भी कर्मचारियों को प्राप्त होगा.

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इस प्रस्तावित योजना में यह सुनिश्चित कर लिया गया है की एजेंसियां अपने स्तर से किसी भी कर्मचारी को हटा नहीं पाएंगे. आउटसोर्स की भर्तियां चौथे स्थान से छोड़कर और सभी स्थान में सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से इसकी सर्वे की जाएगी. इस बैठक में न्यूनतम वेतन ₹20000 की राशि और उससे अधिक होने की संभावना जताई जा चुकी है. अब इस पद के सापेक्ष कर्मचारी सेवा के लिए लिया जाएगा. अब उसे पद के अस्थाई कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन के आसपास ही आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मानदेय मिलने की उम्मीद जताई गई है. अब यूपी के कर्मचारी 60 वर्ष की उम्र तक आउटसोर्स की नौकरी कर सकते हैं. ₹1000 की राशि से लेकर 75 00 की राशि तक पेंशन दिए जाने का प्रस्ताव पारित भी करने का फैसला लिया गया है.

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