यूपी: 207 करोड़ रुपए से आपके जिले में बनेंगी यह सड़के, देखें लिस्ट
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उत्तर प्रदेश में सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों को लेकर बड़ी खबर आई है, राज्य सरकार ने 563 सड़कों की विशेष मरम्मत के लिए 207.88 करोड़ रुपये का बजट मंजूर कर दिया है, इसके साथ ही 124.12 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी गई है, हालांकि कार्ययोजना में हुई देरी के कारण अब इन सड़कों की मरम्मत का काम अगले वित्तीय वर्ष में ही शुरू हो सकेगा।
चकाचक होंगी यूपी की 563 सड़कें
इस बार लोक निर्माण विभाग ने जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेकर कार्ययोजना तैयार की थी, जिससे प्रक्रिया लंबी हो गई, आमतौर पर मई.जून में बनने वाली कार्ययोजना इस बार नवंबर में तैयार हो पाई, इससे न केवल सड़क मरम्मत में देरी हुई, बल्कि टेंडर प्रक्रिया भी प्रभावित हुई, कुछ टेंडरों को तो ठेकेदारों के विरोध के चलते रद्द भी करना पड़ा। विभिन्न जिलों की 563 सड़कों की विशेष मरम्मत पर 207.88 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को शासन ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही 124.12 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश की ग्राम पंचायतें जहां संसाधनों के अभाव से जूझ रही हैं, वहीं वह अपने संसाधन से आय कमाने में भी बहुत पीछे हैं। पंचायती राज मंत्रालय ने प्रदेश की स्थिति को लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी के अध्ययन के बाद आय बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए हैं। अध्ययन में पता चला है कि पंचायतों में मानव संसाधन की कमी है। एक सचिव कई ग्राम पंचायतों का काम देख रहे हैं। इस कारण सर्विस डिलीवरी में कमी आ रही है। नतीजतन अब जिन कार्यों की स्वीकृति मिल रही है उन पर भी अगले वित्तीय वर्ष में काम शुरू हो पाएगा। उम्मीद की जा रही है इस बार लोक निर्माण को बजट का बड़ा हिस्सा सरेंडर करना पड़ेगा। नतीजतन मई-जून में तैयार होने वाली कार्ययोजना नवंबर में तैयार की जा सकी थी। इसका असर अब सड़कों के निर्माण व विशेष मरम्मत के कार्यों पर पड़ रहा है। लोक निर्माण विभाग ने सड़कों के निर्माण संबंधी प्रस्तावों को स्वीकृति मिलने में हुई देरी के कारण पहले ही स्वीकृति की प्रत्याशा में टेंडर आमंत्रित किए थे।

जानें किन जिलों की चमकी है किस्मत
चालू वित्तीय वर्ष में लोक निर्माण विभाग का कुल बजट 34.401 करोड़ रुपये है, अब तक केवल 78ः कार्यों को स्वीकृति मिल पाई है और 60ः राशि ही खर्च की जा सकी है, इससे अंदेशा है कि इस साल बजट का बड़ा हिस्सा खर्च न होने के कारण सरेंडर करना पड़ सकता है। ठेकेदारों के विरोध के बाद इनमें से तमाम टेंडरों रद्द कर दिया था। चालू वित्तीय वर्ष के लिए लोक निर्माण विभाग का बजट 34,401 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। अभी तक करीब 78 प्रतिशत कार्यों को ही स्वीकृति मिल पाई है, जबकि विभिन्न कार्यों पर करीब 60 प्रतिशत राशि ही खर्च की जा सकी है। हालांकि कार्ययोजना में देरी के चलते अब इन सड़कों को अगले वित्तीय वर्ष में ही दुरुस्त किया जा सकेगा। लोक निर्माण विभाग चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना देरी से तैयार कर सका था। विभागीय मंत्री होने के कारण मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने पहली बार जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लेकर कार्ययोजना तैयार की है। विशेष मरम्मत के लिए जिन जिलों की सड़कों को चिह्नित किया गया है उनमें आगरा, आजमगढ़, बलिया, मऊ, बांदा, बरेली, पीलीभीत, शहजहांपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बहराइच, गोंडा, भदोही, मुरादाबाद, फतेहपुर, बदायूं, बाराबंकी, अयोध्या, प्रतापगढ़, चित्रकूट, गाजीपुर, जौनपुर, हरदोई, मीरजापुर, बस्ती, चंदौली, मुजफ्फरनगर, उरई, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, रायबरेली, प्रयागराज, हापुड़, लखनऊ, बाराबंकी, सुलतानपुर, झांसी, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बिजनौर, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, कानपुर नगर व बलरामपुर के नाम शामिल हैं।