यूपी में अगलें इतने दिनों के लिए मुसीबत भरा होगा यह रूट, जम्मू जाने वाली ट्रेन रद्द
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हाल के महीनों में भारतीय रेलवे द्वारा कई ट्रेनों के निरस्त होने से यात्रियों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है. विशेष रूप से छात्रों, बुजुर्गों और दैनिक यात्रियों को इस निरस्तीकरण से गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. रेलवे विभाग ने अधोसंरचना के विस्तार के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की है. जिसके कारण कुछ ट्रेनों को अस्थायी रूप से निरस्त किया गया है.
समाधान की दिशा में कुछ सुझाव
यात्रियों को यात्रा से कुछ घंटे पहले ही ट्रेनों के रद्द होने की सूचना मिलती है. जिससे उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था में कठिनाई होती है. कुछ मार्गों पर बस या अन्य परिवहन विकल्पों की कमी के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. निरस्त ट्रेनों के कारण अन्य ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ हो जाती है. जिससे यात्रियों को असुविधा होती है. रेलवे विभाग ने यात्रियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए निरस्तीकरण की समीक्षा करने और वैकल्पिक व्यवस्थाएँ करने का आश्वासन दिया है. ट्रेनों के निरस्तीकरण से यात्रियों को असुविधा हो रही है. लेकिन यह भी आवश्यक है कि रेलवे विभाग अधोसंरचना के विस्तार और सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करे.
यात्रियों को भी समय.समय पर सूचित किया जाना चाहिए ताकि वे वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें. रेलवे की तीसरी लाइन और यार्ड रिमॉडलिंग के 14वें दिन शुक्रवार को दुर्ग एक्सप्रेस और कामख्या एक्सप्रेस समेत 50 से अधिक ट्रेनें निरस्त रहेंगी. बृहस्पतिवार को 32 ट्रेनें रद्द रहीं, जबकि 55 का आवागमन प्रभावित रहा. ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल असाक्षरता के कारण यात्री पोर्टल या ऐप का उपयोग नहीं कर पाते. ट्रेन से यात्रा करना आज भी सबसे सुलभ और किफायती माध्यमों में से एक है. लेकिन जब तक बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं होता. तब तक यह सुविधा लाखों लोगों के लिए एक असुविधा बनकर रह जाएगी. ज़रूरत है कि रेलवे विभाग यात्रियों की समस्याओं को प्राथमिकता से सुने और जनहित को ध्यान में रखकर कदम उठाए.
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सुरक्षा का अभाव, तकनीकी समस्याएं
भारतीय रेलवे देश की जीवन रेखा कही जाती है. रोज़ाना लाखों लोग ट्रेन के माध्यम से यात्रा करते हैं. कोई काम के लिए, कोई शिक्षा के लिए, तो कोई अपनों से मिलने के लिए. हालांकि ये यात्रा कई बार सुविधाजनक होने की बजाय एक थकाऊ और तनावपूर्ण अनुभव बन जाती है. आज भी देश के कई हिस्सों में ट्रेन यात्रियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बिना पूर्व सूचना के ट्रेनों का रद्द हो जाना या घंटों लेट होना यात्रियों के लिए एक बड़ी समस्या है. परीक्षा देने जा रहे छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और मेडिकल कारणों से यात्रा कर रहे यात्रियों को खासा नुकसान झेलना पड़ता है. सामान्य और स्लीपर कोच में अत्यधिक भीड़ के कारण यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ती है.
रिजर्वेशन सिस्टम में पारदर्शिता की कमी और तत्काल टिकट में दलालों की सक्रियता भी एक गंभीर मुद्दा है. कई स्टेशनों और ट्रेनों में टॉयलेट्स की सफाई, डस्टबिन, और पानी की उपलब्धता संतोषजनक नहीं होती. लंबी दूरी की ट्रेनों में सफाई कर्मचारियों की अनुपलब्धता यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनती है. विशेष रूप से रात की ट्रेनों में महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर कई शिकायतें आती रही हैं. चोरी, पॉकेटमारी और स्टेशन के बाहर बदमाशों की सक्रियता भी यात्री सुरक्षा को चुनौती देती है. कई यात्रियों को ऑनलाइन बुकिंग, ट्रेन की लाइव स्थिति, और प्लेटफॉर्म सूचना तक पहुँच नहीं मिलती.
ये ट्रेनें रहेंगी निरस्त
- 05053 गोरखपुर-बांद्रा टर्मिनस स्पेशल
- 5105/15106 छपरा-नौतनवा-छपरा एक्सप्रेस
- 15082/15081 गोमतीनगर-गोरखपुर-गोमतीनगर एक्सप्रेस
- 12530/12529 लखनऊ जं.-पाटलिपुत्र-लखनऊ जं. एक्सप्रेस
- 15274 आनंद विहार टर्मिनस-रक्सौल एक्सप्रेस
- 15048 गोरखपुर-कोलकाता एक्सप्रेस
- 15131 गोरखपुर-वाराणसी सिटी एक्सप्रेस
- 15080/15079 गोरखपुर-पाटलिपुत्र-गोरखपुर एक्सप्रेस
- 5211/15212 दरभंगा-अमृतसर-दरभंगा एक्सप्रेस
- 15031/15032 गोरखपुर-लखनऊ जं.-गोरखपुर एक्सप्रेस
- 22531/22532 छपरा-मथुरा जं.-छपरा एक्सप्रेस
- 15005 गोरखपुर-देहरादून एक्सप्रेस
- 20104 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस
- 15028 गोरखपुर-सम्बलपुर एक्सप्रेस
- 13507 आसनसोल-गोरखपुर एक्सप्रेस
- 18201 दुर्ग-नौतनवा एक्सप्रेस
- 15622 आनंद विहार टर्मिनल-कामाख्या एक्सप्रेस