यूपी के इस जिले को जल्द इस रूट पर मिल सकती है वंदे भारत
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उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। यूपी ही एक ऐसा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा वंदे भारत ट्रेनें सेवाएं दे रही हैं। इनमें से एक शहर ऐसा है, जहां से 5 वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी। आइये जानते हैं वो कौन सा शहर, जहां सबसे अधिक सेवाएं मिलने वाली हैं।
इन शहरों के लिए मिलेंगी हाईस्पीड ट्रेनें!
यूपी के कई बड़े शहरों को मिल सकता है फायदा
माना जा रहा है कि भोपाल से लखनऊ के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बीना, झांसी, कानपुर होते हुए लखनऊ पहुंचेगी. रास्ते में आने वाले बड़े रेलवे स्टेशनों पर यह ट्रेन 1 मिनट तक रुकेगी। खास बात यह है कि लखनऊ से भोपाल तक ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है. रेलवे ने भीड़ को कम करने के लिए नई वंदे भारत ट्रेन चालने की तैयारी में है। नई वंदे भारत ट्रेन से इन दोनों शहरों के बीच की दूरी घटकर 600 किलोमीटर हो जाएगी. साथ ही 9 से 10 घंटे का सफर कम होकर 5 से 6 घंटे का हो जाएगा। अभी भोपाल लखनऊ के बीच गरीब रथ एक्सप्रेस सप्ताह में एक दिन चलती है. वहीं भोपाल प्रतापगढ़ एक्सप्रेस सप्ताह में 3 दिन चलती है. संत हिरदाराम नगर से जानेवाली महाकाल सुपरफास्ट एक्सप्रेस सप्ताह में 2 दिन चलती है। लखनऊ से भोपाल तक चलने वाली नई वंदे भारत ट्रेन लखनऊ मंडल की ही ट्रेन होगी. इससे कई बड़े शहर आपस में जुड़ जाएंगे. हालांकि, इसके लिए यात्रियों को किराया ज्यादा चुकाना पड़ेगा। नई वंदे भारत एक्सप्रेस 4.0 में बिजली की खपत एक चौथाई कम हो जाएगी. नए कोच में एग्जीक्यूटिव चेयर क्लास सीटों के पास बैग मिलेगा. सीटों के आसपास ज्यादा जगह होगी। सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ से भोपाल तक चलने वाली नियमित ट्रेनों की तुलना में वंदे भारत ट्रेन का किराया करीब दो से ढाई गुना अधिक होगा। लखनऊ मंडल के अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ से भोपाल तक नई वंदे भारत ट्रेन का प्रस्ताव भेजा जा चुका है. इस पर तैयारी शुरू है. जल्द ही अनुमति मिलने के बाद इसे धरातल पर उतारने का काम शुरू हो जाएगा। बताया गया कि लखनऊ से भोपाल तक वंदे भारत ट्रेन का 8 प्रीमियत सिंटिंग कोच का रैक होगा. इसमें करीब 564 सीटें होंगी. पहले यह ट्रेन भोपाल मंडल के अंतर्गत चलने वाली थी, लेकिन अब लखनऊ मंडल से चलेगी। बता दें कि पिछले साल नवंबर में लखनऊ भोपाल वंदे भारत ट्रेन के रैक मिलने वाले थे, लेकिन रेलवे बोर्ड से अनुमति न मिलने पर देरी हो रही है।