यूपी में इस गाँव का नही है नक्शा, बढ़ रहे भूमि विवाद
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गरीबों की जमीन कब्जामुक्त कराएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गरीबों की जमीन कब्जामुक्त कराएं और अवैध कब्जा करने वाले दबंगों को करारा कानूनी सबक सिखाएं, उन्होंने कहा कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया और कमजोरों को उजाड़ने वाले दबंग किसी भी दशा में बख्शे न जाएं, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का अनुसरण करते हुए कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएण् सरकार का संकल्प है कि किसी के भी साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा, मुख्यमंत्री ने जमीन कब्जा करने के मामलों में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, भू-मानचित्र न होने से कमजोर वर्ग के लोगों की जमीन पर दबंग नजर गड़ाए हुए हैं। करनैलगंज तहसील के राम अछैबर गौड़, राजित राम, रामेश्वर यादव आदि ने बताया कि भूमि पर जबरन कब्जा करने की शिकायत करके पैमाइश की मांग की जाती हैं। भू-मानचित्र न होने की बात कहकर लेखपाल व कानूनगो हाथ खड़े कर देते हैं। पीड़ित तहसील का चक्कर लगाने के बाद थक हार कर बैठ जाता है। राजस्व कर्मियों ने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों के भू मानचित्र नहीं हैं वहां सटीक पैमाईश हो पाना असंभव होता है। कभी कभी दोनों पक्षों द्वारा अपने दावे को सही बताया जाता है जिसे लेकर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। मामला पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी शांत नहीं होता है। तहसील करनैलगंज के राम पियारे, सोमई आलोक तथा तरबगंज के हरिनरायन सिंह, अशोक सिंह ने बताया कि चक मार्ग खाली कराने के लिए कई प्रार्थना पत्र दिया लेकिन लेखपाल यहकर पल्ला झाड लेते हैं कि मानचित्र ही नहीं है तो पैमाइश कैसे करें। अभिलेखपाल सुशील कुमार ने बताया कि जिले में कुल 1820 राजस्व गांव के भू-मानचित्रों में से 155 गांव ऐसे हैं जिनमें से कुछ गांवों के भू-मानचित्र कटे फटे व जीर्ण शीर्ण तथा कुछ के उपलब्ध ही नहीं हैं। जिसके कारण भू-मानचित्रों का मुआयना कराने व जरूरतमंदों को नकल देने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। भू-मानचित्रों का मुआयना करने आने वाले वकीलों व भू-स्वामियों को जब उनके गांव का मानचित्र नहीं मिलता है अथवा कटा फटा व जीर्ण शीर्ण होता है तो वह लोग असंतुष्ट हो जाते हैं। जिससे कभी कभी विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है।
दबंगों को सबक सिखाएं - सीएम योगी
सीएम योगी बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे, मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक वह खुद पहुंचे और एक.एक करके, इत्मीनान से सबकी समस्याएं सुनी, इस दौरान करीब 200 लोगों से मुलाकात कर उन्होंने सबको आश्वस्त किया कि उनके रहते किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी, सबके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित और संतुष्टिपरक निस्तारण का निर्देश देने के साथ लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है, सबको न्याय मिलेगा और सबकी पीड़ा दूर की जाएगी, जनता दर्शन में दूसरे जिलों के भी लोग आए थे, वहीं सात गांवों का मैप हुआ स्कैन-अभिलेखपाल ने बताया कि जिले की सात ग्राम पंचायतों का भूलेख स्कैन हो चुका है। जिसमें सकरौरा ग्रामीण, कुंदुरखा, खम्हरिया, बनकटी सूर्यबली सिंह, इस्माइलपुर एहतमाली व कटरा भोगचंद एहतमाली, लौव्वा टेपरा, फिरोजपुर, बेलगडिया व मधुपुर चिरैया शामिल हैं। 14 गांवों को मिला नया भूलेख-हथियागढ, मिरजापुर तप्पा हथिनी, देवरहना, जनकपुर, केशवनगर ग्रंट पूर्वी, कूकनगर ग्रंट पूर्वी, कूकनगर ग्रंट पश्चिमी, सेमरी खुर्द, बेलभरिया, भीटी पटखौली, परसा सोहसा, नौबरा, नरायनपुर माफी व गरिबाजोत का भूलेख राजस्व परिषद द्वारा प्राप्त हो चुका है। यूपी के गोंडा जिले के 1820 राजस्व गांवों में से 114 गांवों के भू-मानचित्र करीब एक दशक से कटे-फटे या जीर्ण-शीर्ण है। यही नहीं 41 गांवों के मानचित्र मौजूद ही नहीं है। इससे भूमि विवाद व सरकारी कामकाज निपटाने में राजस्वकर्मियों को परेशानी होती है। साथ ही दबंग के चंगुल से निर्बल व कमजोर वर्ग के लोगों का अपनी जमीनों को सुरक्षित रख पाना मुश्किल साबित हो रहा है। यह स्थिति करीब एक दशक से बताई जा रही है। भू-मानचित्र न होने की बात कहकर लेखपाल व कानूनगो हाथ खड़े कर देते हैं।
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।