यूपी में गाँव और शहरों के विकास के लिए प्रदेश को 3.39 लाख करोड़ रुपए की जरूरत
-(1)2.png)
प्रदेश सरकार ने अब शहर और ग्रामीण निकायों के लिए करोड रुपए की धनराशि केंद्र सरकार से प्राप्त करने का लक्ष्य बनाया है इसमें राज्य में चारों ओर से विकास की गति तीव्र हो जाएगी. अब ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास की दिशा और राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हा तथा नागरिकों को बेहतर सुविधा पहुंच जाएगी.
केंद्रीय बजट से आवंटन, चारों तरफ होगा विकास
उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ से राहत की खबर आ रही है कि उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ ने पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों के लिए 16वीं केंद्रीय वित्त आयोग के समक्ष 3,39,500.85 करोड रुपए की राशि की मांग किया गया है इस दौरान पंचायती राज संस्थाओं के लिए 2,10,100.85 करोड रुपए की धनराशि अथवा शहरी निकायों के लिए अब 1,29,400 करोड रुपए की राशि प्रस्तावित की जा चुकी है. इन करोड़ों रुपए की राशि को अब 5 वर्षों के लिए प्रस्तावित किया जा चुका है.
विकास योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और शहरी विकास
इसी दौरान क्षेत्र पंचायत के पास बीज विपणन केंद्र, नालिया, पशु चिकित्सालय, सड़क, कृषि विज्ञान केंद्र और तमाम सारी रखरखाव तथा मरम्मत की जिम्मेदारी सौंप गई है. अब इसी प्रकार जिला पंचायत के पास व्यावसायिक दुकान, नाली, कांजी हाउस, सड़क सहित रखरखाव और मरम्मत की तमाम जिम्मेदारियां को दिया जा चुका है अब प्रदेश की ग्राम पंचायत को मैनपॉवर पर सबसे अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ सकती है आगे बताया गया है कि केंद्रीय वित्त आयोग धनराशि वित्त आयोग की तरह हर वर्ष वृद्धि की जानी है.
इसी दौरान ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए अब विभाग द्वारा तैयार किया गया मांग पत्र में रखरखाव के सापेक्ष 39104.48 करोड रुपए की धनराशि संचालक कार्य के लिए 31464.26 करोड रुपए की धनराशि और संसाधनों के लिए विकास के लिए सबसे अधिक 139 532.11 करोड रुपए की राशि की मांग प्रस्तावित की गई है. इसी बीच पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया है कि पंचायती राज संस्थाओं की अब आवश्यक से आयोग को विस्तार से अवगत करवाया जाएगा तथा उम्मीद जताई गई है कि आयोग विभाग की मांगों को पूरा करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है.