यूपी में नए सिरे से होगा घर और दुकानों का सर्वे
.png)
नगर पालिका प्रशासन अब शहर में मौजूद सभी मकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का नए सिरे से सर्वे करने जा रहा है. यह कदम शहरी विकास की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने संपत्ति कर का सही निर्धारण करने और अनधिकृत निर्माणों की पहचान करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
नए सिरे से होगा मकानों व प्रतिष्ठानों का सर्वे
इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी आवासीय और व्यावसायिक भवनों की जानकारी नगर निगम के रिकॉर्ड में सही और अद्यतन हो. इससे न केवल कर संग्रह में पारदर्शिता आएगी बल्कि शहरी सुविधाओं का वितरण भी न्यायसंगत रूप से किया जा सकेगा. सर्वेक्षण की प्रक्रिया में प्रत्येक मकान और प्रतिष्ठान की जानकारी जैसे कि आकार, निर्माण वर्ष, उपयोग ;आवासीय व्यावसायिक, स्वामित्व की स्थिति आदि को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दर्ज किया जाएगा, इसके लिए एक विशेष मोबाइल ऐप या टैबलेट का उपयोग किया जाएगा, जिससे अधिकारियों को रियल टाइम डेटा अपडेट करने की सुविधा मिलेगी. गोंडा शहर के मकानों व प्रतिष्ठानों का नगर पालिका नए सिरे से सर्वे कराएगा. इसके लिए टीम के गठन की तैयारी की जा रही है.

नगर पालिका प्रशासन ने वर्ष 2018-2019 में शहर के 27 वार्डों में स्थित मकानों व प्रतिष्ठानों का सर्वे कराया था. उस वक्त 20438 मकान व 1978 प्रतिष्ठान मिले थे. पांच साल बाद वर्ष 2022-2023 में सर्वे की मियाद खत्म हो गई थी. ऐसे में अब नये सिरे से सर्वे कराया जाएगा. ईओ संजय मिश्रा ने बताया कि टीम का गठन किया जा रहा है. प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सर्वेक्षण अधिकारियों को आवश्यक जानकारी देने में सहयोग करें. यह सर्वे न केवल प्रशासन के लिए उपयोगी होगा. बल्कि नागरिकों को भी उनकी संपत्ति से जुड़ी प्रमाणिक जानकारी प्राप्त करने में सहूलियत देगा. शहरी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए यह सर्वे एक अहम कदम है. इससे जहां अवैध निर्माणों पर रोक लगेगी. वहीं सरकारी योजनाओं का लाभ सही पात्र लोगों तक पहुँच सकेगा. यदि यह प्रक्रिया सफल रही. तो यह अन्य शहरों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है.
Read Below Advertisement
शहर को स्मार्ट और सुसंगठित बनाने की दिशा में अहम कदम
शहरीकरण की तेज़ रफ्तार के बीच अब नगर प्रशासन शहर की संरचना को गहराई से समझने और योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हो गया है. इसका उद्देश्य न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करना है. बल्कि भविष्य के लिए एक स्थायी और सुव्यवस्थित शहर की नींव रखना भी है. तेजी से बढ़ती जनसंख्या, यातायात का दबाव, जल संकट और बेतरतीब निर्माण जैसी समस्याएं शहरों में आम होती जा रही हैं. इन समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब शहर की भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक संरचना को गहराई से समझा जाए. प्रशासन इसी दिशा में एक ठोस कदम उठा रहा है.
शहर की सही और गहराई से समझ एक सशक्त और सुव्यवस्थित भविष्य की कुंजी है. यदि प्रशासन और जनता मिलकर काम करें. तो आने वाले वर्षों में हमारा शहर न केवल स्मार्ट बन सकता है. बल्कि एक आदर्श नगरी के रूप में भी उभर सकता है. पालिका क्षेत्र का दायरा तो नहीं बढ़ा, पर काफी संख्या में नए मकान का निर्माण होता रहा. नए प्रतिष्ठान में भी इजाफा होता गया. मौजूदा समय में अब तक करीब 30 हजार से अधिक मकान हो गए हैं, प्रतिष्ठान भी बढ़कर 2300 से अधिक हो गए हैं. ऐसे में पालिका प्रशासन को मकानों व प्रतिष्ठानों लगने वाला कर तय कर पाने में परेशानी हो रही है.