रिंग रोड का काम आधा, जाम से लोग हो रहे परेशान
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शहर की जाम की समस्या से लोगों को छुटकारा नहीं मिल रहा है। आए दिन शहर में जाम लगता ही रहता है। लेकिन सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ जाता है। जिसके कारण वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। तिराहा पार करने में लोगों को 45 मिनट का समय लग गया। शहर में दिनभर जाम की यही स्थिति रही।
वाहन चालक हो जाएं सावधान! जाम से जूझेगी राजधानी
रायबरेली में सुबह से ही जाम लगना शुरू हो गया। दोपहर को तो रोड पर भयंकर जाम, वाहनों की लाइन लग गईं। शाम के समय कुछ देर के लिए जाम खुला इसके बाद शाम को फिर जाम लग गया। बसों और दूसरे वाहनों से यात्रा कर रहे यात्री वाहनों से उतरकर पैदल ही गंतव्य को जाते हुए नजर आए। दरअसल पिछले दो महीने से जाम के हालात अधिक खराब हैं। जिम्मेदार अधिकारी जाम को लेकर कतई भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिले में 17 किमी निर्माणाधीन रिंग रोड 12 साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हो पाया है। निर्माण पूरा न होने से शहरवासियों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। जिस एजेंसी को यह काम सौंपा गया, उसे एक साल पहले ही रिंग रोड का निर्माण कराकर पूरा कर लेना था, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद काम कछुए की चाल से हो रहा है। व्यापारियों का कहना है कि जाम से कारोबार आधा रह गया है। जाम के यही हालात रहे तो कारोबार ठप हो जाएगा कि वाहनों का दबाव बढ़ने के कारण जाम की स्थिति बन रही है। जाम से निजात के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। रिंग रोड का निर्माण वर्ष 2012 में शुरू हुआ था। 210 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले रिंग रोड प्रथम फेज का काम कराने के लिए कई कंपनियां आईं, जो आधा अधूरा काम छोड़कर चली गईं। वर्ष 2021 में यह कार्य एनएच डिवीजन लखनऊ की ओर से मेसर्स महाकाल एजेंसी को दिया गया। एजेंसी को यह कार्य एक साल में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया। रिंग रोड निर्माण की धीमी रफ्तार पर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अफसरों को भी कई बार फटकार लगाई। इसके बावजूद तेजी नहीं आई। अधिकारियों का कहना है कि रिंग रोड पर रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। 12 साल से जिस धीमी गति से निर्माण हुआ है, उसने सवाल भी खड़े कर दिए है।