यूपी में ग्रामीण घरों का रजिस्ट्रेशन और नामांतरण होगा आसान, नया कानून लाया गया
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मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2025 को अधिनियमित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण आबादी क्षेत्र के विधिमान्यीकरण हेतु ग्रामीण आबादी क्षेत्र के समुचित अभिलेख तैयार करने के लिए, नवीनतम ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग से, सर्वेक्षण कर उनके स्वामित्व सम्बन्धी अभिलेख तैयार करने के लिए ‘स्वामित्व’ योजना का शुभारम्भ किया गया है। प्रदेश में अब तक 1,06,46,834 घरौनियां तैयार करते हुए 1,01,31,232 घरौनियों का वितरण किया जा चुका है।
उत्तराधिकार, रजिस्ट्रीकृत विक्रय विलेख, रजिस्ट्रीकृत उपहार विलेख, सरकार या सरकारी उपक्रम द्वारा की गयी नीलामी, भूमि अधिग्रहण, रजिस्ट्रीकृत वसीयत, न्यायालय के आदेश, विभाजन या उपविभाजन तथा लिखित पारिवारिक समझौते के परिणामस्वरूप, घरौनी में आबादी भूखण्ड स्वामी के नाम में परिवर्तन होता है तो उत्तराधिकार के निर्विवाद मामलों में राजस्व निरीक्षक को तय प्रक्रिया अनुसार घरौनी में नाम परिवर्तन/नामांतरण करने के लिए अधिकृत किया गया है। इस श्रेणी से अलग अन्य निर्विवाद मामलों में तहसीलदार/नायब तहसीलदार को घरौनी को अपडेट करने के लिए अधिकृत किया गया है।
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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती
वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।
उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है