झांसी में बिजली संकट ने बढ़ाई जनता की परेशानी, आधी रात को सड़क पर उतरे लोग

शनिवार की रात यह नाराजगी तब फूट पड़ी जब झांसी के बीकेडी चौराहे पर बड़ी संख्या में लोग आधी रात को सड़क पर उतर आए। महिलाएं हों या पुरुष, हर कोई बिजली विभाग की कार्यप्रणाली से बेहद खफा नजर आया। किसी ने सड़क जाम कर दिया, तो कोई अपनी दवाइयां लेकर चादर बिछा कर वहीं लेट गया।
बिजली नहीं, तो चैन नहीं
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि दिन में मुश्किल से कुछ घंटे ही बिजली मिल रही है। झांसी में पिछले एक हफ्ते से बिजली की ऐसी हालत हो गई है कि न दिन में चैन है, न रात में नींद। खास बात यह है कि इन सबके बीच प्रशासन और बिजली विभाग की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं निकाला जा सका है।
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अधिकारियों से उम्मीद भी खत्म
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार उच्च अधिकारियों से संपर्क किया, शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जब रोज़ अखबारों में खबर छप रही है कि झांसी में बिजली नहीं है, तो यह बात अफसरों के संज्ञान में क्यों नहीं आती?
लोगों की मांग साफ है – या तो बिजली की सप्लाई दुरुस्त की जाए, या फिर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बिजली विभाग ने क्या कहा?
जब इस बारे में बिजली विभाग के जीएम से बात की गई तो उन्होंने इसका ठीकरा "बढ़ती गर्मी और ओवरलोडिंग" पर फोड़ दिया। उन्होंने बताया कि गर्मी के कारण लोड बढ़ गया है और इसी वजह से फॉल्ट ज्यादा हो रहे हैं। इन फॉल्ट को ठीक करने में समय लग रहा है और इस कारण सप्लाई बाधित हो रही है।
उनका कहना था – “हम लोग पूरी तत्परता से बिजली की समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। गर्मी के कारण फॉल्ट बढ़े हैं और कुछ जगह ओवरलोडिंग भी सामने आई है। जल्द ही स्थिति में सुधार किया जाएगा।”
क्या गर्मी की तैयारी पहले नहीं की गई थी?
जब अधिकारियों से सवाल किया गया कि क्या गर्मी से पहले पर्याप्त तैयारी की गई थी, तो उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ हॉटस्पॉट इलाकों की पहचान की गई थी, वहां रेड की जा रही है और बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।
इसके बावजूद यह सवाल बना हुआ है कि जब पिछली गर्मियों में भी 72 घंटे तक बिजली नहीं आई थी, तो इस बार तैयारी क्यों अधूरी रह गई? क्या विभाग ने पिछली बार की सीख से कुछ नहीं सीखा?
मैनपावर की भी कमी?
बिजली विभाग के जीएम ने स्वीकार किया कि फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या मानक के हिसाब से कम है। गर्मी के सीजन में अचानक बढ़े फॉल्ट के कारण कर्मचारियों पर दबाव बढ़ा है और मैनपावर की कमी भी महसूस की जा रही है।
उन्होंने बताया – “हमने अतिरिक्त कर्मचारियों को भी बुलाया है और हर फॉल्ट को जल्द से जल्द ठीक करने की कोशिश की जा रही है। हमारी पूरी टीम प्रयासरत है कि जल्द से जल्द जनता को राहत दी जा सके।”
जनता का संघर्ष कब तक?
लोगों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। एक प्रदर्शनकारी ने कहा – “जब तक जान में जान है, तब तक हम जनता के लिए संघर्ष करेंगे। हमें चैन से जीने का हक है। अगर बिजली विभाग यह नहीं दे सकता, तो उन्हें जिम्मेदारी से हट जाना चाहिए।”
सवाल यही – समाधान कब?
बिजली विभाग कह रहा है कि वह पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन ज़मीन पर हालात बदलते नजर नहीं आ रहे। सोशल मीडिया पर भी झांसी की बिजली कटौती को लेकर लोग खूब गुस्सा निकाल रहे हैं। इस सबके बीच प्रशासन का रवैया सुस्त और जनता का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग कब तक इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल पाता है। क्या झांसी की जनता को राहत मिल पाएगी या फिर गर्मी और अंधेरे में उनका संघर्ष यूं ही चलता रहेगा