अब लोहिया संस्थान भी बनेगा दिल के मरीजों का सहारा, लारी का दबाव होगा कम

फिलहाल लारी में मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा हो चुकी है कि कई बार गंभीर मरीजों को इलाज के लिए दो-दो दिन तक इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो हालात ऐसे बनते हैं कि मरीज की सांस अस्पताल पहुंचने से पहले ही टूट जाती है। ऐसे में लोहिया संस्थान में नए कार्डियोलॉजी सेंटर की शुरुआत मरीजों के लिए राहत भरी साबित हो सकती है।
सीधे कार्डियक यूनिट में होगी भर्ती, इलाज में नहीं होगी देरी
लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में वर्तमान में 100 बेड मौजूद हैं, लेकिन अभी तक वहां कार्डियक इमरजेंसी का अलग से संचालन नहीं हो रहा था। गंभीर हार्ट मरीजों को या तो सामान्य इमरजेंसी में भर्ती किया जाता था या फिर लारी रेफर कर दिया जाता था। अब स्थिति बदलेगी।
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संस्थान के कार्डियोलॉजी प्रमुख डॉ. भुवन तिवारी के अनुसार, स्टेमी सेंटर की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और जल्द ही इसकी शुरुआत हो जाएगी। मरीजों को सीधे कार्डियक यूनिट में एडमिट किया जाएगा, जहां एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी जैसी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
लारी और लोहिया के बीच होगा समन्वय, दोहरी सुविधा
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि लोहिया संस्थान में हार्ट सेंटर बनने के बाद लारी में बेड फुल होने की स्थिति में हम वहां के मरीजों को सीधे लोहिया रेफर कर सकेंगे। इससे मरीजों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और उन्हें समय पर इलाज मिल पाएगा।
दोनों संस्थानों के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को एक-दूसरे सेंटर में रेफर किया जा सके। यह पहल न सिर्फ मरीजों की जान बचाने में मदद करेगी बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
संक्षेप में
लोहिया संस्थान में कार्डियोलॉजी सेंटर शुरू होने की यह पहल प्रदेश के दिल के मरीजों के लिए बड़ी राहत लेकर आ रही है। लारी पर से बोझ कम होगा, मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा और स्टेमी प्रोग्राम के तहत तकनीकी तौर पर उन्नत इलाज की सुविधा भी उपलब्ध होगी। अब एक नहीं, दो बड़े संस्थान प्रदेश के हृदय रोगियों की सेवा में तत्पर होंगे।