गोरखपुर से इस रूट के लिए चलेगी नई वंदे भारत
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केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि बिहार की राजधानी पटना से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन जल्द ही शुरू किया जाएगा. यह घोषणा बिहारवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है. जो यात्रा की सुविधा और गति में सुधार की प्रतीक्षा कर रहे थे.
वंदे भारत एक्सप्रेस, एक नई शुरुआत
वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और ऑटोमेटिक दरवाजे की व्यवस्था की गई है. ट्रेन के प्रत्येक कोच में मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट, गर्म और ठंडे पेय पदार्थों के लिए पैंट्री सुविधा, और आरामदायक सीटिंग की व्यवस्था है. पटना के पाटलिपुत्र जंक्शन से गोरखपुर आने-जाने वाले यात्रियो के लिए अच्छी खबर है. अब जल्द पटना से गोरखपुर के बीच नयी वंदेभारत एक्सप्रेस चलेगी. पूर्व मध्य रेलवे व पूर्वाेतर रेलवे की ओर से भेजे गये संयुक्त प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड की मुहर लग गयी है. पटना से गोरखपुर के बीच 397 किमी की दूरी इस ट्रन से मात पांच घंटे में तय होगी. रेलवे अधिकारियों के अनुसार पटना से गोरखपुर तक वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन अगले 3 से 4 महीनों में शुरू होने की संभावना है.
इसकी आधिकारिक तिथि की घोषणा जल्द ही की जाएगी. दरअसल, 10 फरवरी को मुजफ्फरपुर दौरे पर आये केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को रेलवे अधिकारियों ने आम लोगो की मांग के बारे में जानकारी दी थी. मालूम हो कि वर्तमान मे बिहार से आठ वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. इनमे पांच ट्रेनें पटना जंक्शन से खुलती है. वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन से यात्रियों को यात्रा के समय में कमी, बेहतर सुविधाएँ, और उच्चतम सुरक्षा मानक मिलेंगे. यह ट्रेन विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए फायदेमंद होगी जो गोरखपुर और पटना के बीच नियमित यात्रा करते हैं. इस नई ट्रेन सेवा के शुरू होने से बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा में एक नई गति और सुविधा आएगी. जो दोनों राज्यों के बीच संपर्क को और मजबूत करेगी.
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आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम
रेलवे इतिहास में वंदे भारत एक्सप्रेस एक ऐसा नाम बन चुका है. जो आधुनिकता रफ्तार और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है. यह ट्रेन न केवल यात्रा के अनुभव को नया आयाम देती है. बल्कि यह मेक इन इंडिया पहल की एक शानदार उपलब्धि भी है. वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत ने भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय सेवा की ओर अग्रसर किया है. वंदे भारत एक्सप्रेस पूरी तरह से भारत में निर्मित है यह मेक इन इंडिया पहल का एक चमकता हुआ उदाहरण है. इससे न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता को बल मिला है. बल्कि हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी मिले हैं. सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत में 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो.
आने वाले वर्षों में यह ट्रेन भारत के हर कोने को जोड़ने का माध्यम बनेगी. न केवल एक यात्रा के लिए बल्कि एक सपने को साकार करने के लिए. ष्वंदे भारत एक्सप्रेस सिर्फ एक ट्रेन नहीं है. यह भारत के आत्मविश्वास तकनीकी विकास और यात्रियों की सुविधाओं का नया अध्याय है. यह एक नई शुरुआत है तेज़ स्मार्ट और स्वदेशी. वंदे भारत ट्रेन के जरिए अब पटना से यूपी के गोरखपुर की दूरी कम समय में तय हो सकेगी. वर्तमान मे गोरखपुर के लिए चलने वाली तीन ट्रेनें आठ घंटे से ज्यादा समय लेती है. सूत्रों की माने, तो सब कुछ ठीक रहा तो अगले एक महीने के अंदर इस ट्रेन का रैक पटना जंक्शन आ जायेगा. यह ट्रन पाटलिपुत्र जंक्शन से चलकर सीतलपुर, खैरा, मसरख, गोपालगंज, थावे जंक्शन, कप्तानगंज जंक्शन से होते हुए गोरखरपुर जंक्शन तक जायेगी.